Himachal Pradesh News: पूर्व में सांसद रहे सुरेश चंदेल को हिमाचल बीजेपी के कोर ग्रुप में सदस्य के तौर पर शामिल कर लिया गया है. यह नियुक्ति हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की ओर से की गई है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी. सुरेश चंदेल पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के हिमाचल इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं. वे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे हैं.
साल 2019 में भाजपा छोड़ कांग्रेस में चले गए थे चंदेल
सुरेश चंदेल साल 2019 में भाजपा छोड़ कांग्रेस में चले गए थे. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुरेश चंदेल ने भारतीय जनता पार्टी में वापसी कर ली थी. सुरेश चंदेल लगातार तीन बार हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. साल 2005 में 'कैश फॉर क्वेश्चन' के मामले में फंसने के बाद उन्हें लोकसभा सांसद का पद छोड़ना पड़ा था. हालांकि उनके समर्थक मानते हैं कि यह सुरेश चंदेल के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र था, जिसका वे शिकार हो गए.
इसके बाद हमीरपुर संसदीय सीट पर दोबारा उपचुनाव हुए और तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने यहां जीत हासिल की. साल 2007 में जब प्रेम कुमार धूमल बीजेपी का बहुमत आने पर दोबारा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तो यहां अनुराग ठाकुर ने उपचुनाव लड़कर जीत हासिल की. अनुराग ठाकुर ने पहली बार साल 2008 में उपचुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. तब से लेकर अब तक लोकसभा में अनुराग ठाकुर ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
भाजपा में ही थी सुरेश चंदेल की आत्मा!
सुरेश चंदेल ने साल 2012 में बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर भी चुनाव लड़ा था, लेकिन यहां उन्हें कांग्रेस के बंबर ठाकुर ने चुनाव हरा दिया था. अक्टूबर 2022 में सुरेश चंदेल जब कांग्रेस छोड़ वापस भाजपा में आए थे, तब उन्होंने कहा था- "किन्हीं कारणों से तीन साल पहले कांग्रेस तो ज्वाइन कर ली थी, लेकिन उनकी आत्मा भाजपा में ही थी. चंदेल ने भाजपा में वापस आने पर प्रसन्नता व्यक्त की. कांग्रेस की कार्यशैली सही नहीं है. यही कारण है कि उन्होंने घर वापसी की".
सुरेश चंदेल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में वापस आए थे. सियासी जानकार बताते हैं कि सुरेश चंदेल साल 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर अनुराग ठाकुर के खिलाफ लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. साल 2019 में कांग्रेस की टिकट पर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से तब के नैनादेवी से विधायक रामलाल ठाकुर ने चुनाव लड़ा था और उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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