Himachal Pradesh: कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क में पहली बार दिखा बाघ, ट्रैप कैमरा में ऐसे कैद हुई तस्वीर
Himachal Pradesh News: कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क के साथ उत्तराखंड का राजाजी नेशनल पार्क व हरियाणा का कलेसर नेशनल पार्क भी मिला हुआ है. संभावना है कि यह बाघ उत्तराखंड से हिमाचल पहुंचा है.
![Himachal Pradesh: कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क में पहली बार दिखा बाघ, ट्रैप कैमरा में ऐसे कैद हुई तस्वीर Tiger seen first time in Colonel Sherjung National Park of Himachal Pradesh picture captured in trap camera ANN Himachal Pradesh: कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क में पहली बार दिखा बाघ, ट्रैप कैमरा में ऐसे कैद हुई तस्वीर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/22/5ee930035e298fb5ac83fa92940a4f6e1677055593399649_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Tiger in Colonel Sherjung National Park: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की पांवटा घाटी में पहली बार बाघ (Tiger) नजर आया है. इस बाघ की तस्वीर नेशनल पार्क में लगे ट्रैक कैमरा में कैद हुई. जानकारी के मुताबिक यह बाघ 19 फरवरी को पांवटा साहिब के कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क ( Colonel Sherjung National Park) सिंबलबारा में पहुंचा. संभव है कि यह बाघ पड़ोसी राज्य उत्तराखंड (Uttrakhand) से यहां पहुंचा है.
19 फरवरी को कैद हुई तस्वीर
कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क के साथ ही उत्तराखंड का राजाजी नेशनल पार्क और हरियाणा का कलेसर नेशनल पार्क का क्षेत्र भी मिला हुआ है. ऐसे में यह बाग संभवत उत्तराखंड से हिमाचल पहुंचा है. इससे पहले जनवरी महीने में कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क में बाघ के पैरों के निशान देखे गए थे. इसके बाद प्रशासन ने बाघ की मौजूदगी का पता लगाने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए थे. इसी ट्रैप कैमरा में 19 फरवरी को यह तस्वीर कैद हुई. अमूमन हिमाचल प्रदेश के जंगलों में तेंदुए ही पाए जाते हैं.
बाघ की चहलकदमी बेहतर संकेत
वन्य प्राणी विभाग शिमला के डीएफओ रवि शंकर शर्मा ने बताया कि पहली बार बाघ ट्रैप कैमरा में कैद हुआ है. बाघ की मौजूदगी की संभावना पिछले कई दिनों से जताई जा रही थी. इसी के चलते पार्क में ट्रैक कैमरा इंस्टॉल किए गए थे. वन्य प्राणी विभाग हिमाचल प्रदेश में बाघ की चहल कदमी को बेहतर संकेत मान रहा है. गौरतलब है कि बाघ के साथ अन्य वन्य प्राणी भी साथ लगते राज्यों से हिमाचल पहुंचे हैं. गौरतलब है कि देश में बाघों की घटती संख्या को जैवविविधता के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है. लिहाजा, बाघों की सुरक्षा के लिए सरकारी तंत्र लगातार इस ओर ध्यान दे रहे हैं.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)