Shimla News: साल 2023-24 के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने 3 हजार 139 करोड़ का बजट पेश किया है. सरकार आने वाले वक्त में स्वास्थ्य सुविधाओं को में बड़े बदलाव का दावा कर रही है, लेकिन इस बीच विधान सभा के एक लिखित जवाब में हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है.
हिमाचल प्रदेश में 60 ऐसे संस्थान हैं, जहां सोनोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं हैं. इसकी वजह से आम जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भरमौर विधान सभा क्षेत्र से विधायक डॉ. जनक राज ने विधान सभा सत्र के दौरान यह प्रश्न उठाया. हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल (Dhani Ram Shandil) की ओर से लिखित जवाब में यह जानकारी साझा की गई है.
'लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलना जरूरी'
भरमौर विधान सभा क्षेत्र से विधायक डॉ. जनक राज ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा का आम जनता तक पहुंचना बेहद महत्वपूर्ण है. वह खुद चिकित्सीय बैकग्राउंड से निकलकर राजनीति में आए हैं. ऐसे में वे जानते हैं कि आप जनता को किन परेशानी से होकर गुजरना पड़ता है. डॉक्टर जनक राज ने कहा कि यह परेशानी दूर दराज के इलाकों में और भी ज्यादा है. उनके इलाके के लोगों को तो स्वास्थ्य सुविधा पाने के लिए कई गुना ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है. डॉक्टर जनक राज ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश अपने इलाके के साथ प्रदेश भर में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के प्रतिबद्धता से काम करेंगे.
जल्द भरे जायेंगे पद- स्वास्थ्य मंत्री
वहीं, हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल का कहना है कि कांग्रेस सरकार आम जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. बजट में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने की ओर ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाली पड़े पदों को जल्द भरने का काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बजट में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि सरकार आम जनता को घर-द्वार पर बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए काम कर रही है.
ये भी पढ़ें:- वाटर सेस लगाना संधि का उल्लंघन नहीं, पंजाब-हरियाणा सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई बोझ- CM सुक्खू