Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश की सियासत में उठापटक अब भी रुकी नहीं है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षकों ने भले ही सब कुछ सामान्य दिखाने की कोशिश की हो, लेकिन अंदरखाने अब भी हलचल जारी है. हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. केंद्रीय आलाकमान के दबाव में उन्होंने अपना इस्तीफा वापस तो ले लिया, लेकिन अब भी वे नाराज ही चल रहे हैं. आलम यह है कि विक्रमादित्य सिंह अपने पत्ते तक खोलने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं.


विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली से लौट के बाद सोमवार देर रात दोबारा कांग्रेस के उन छह बागी विधायकों से मुलाकात की, जो विधानसभा स्पीकर की ओर से अयोग्य घोषित किया जा चुके हैं. मंगलवार को मुलाकात करने के बाद भी चंडीगढ़ से हमीरपुर के लिए रवाना हुए हैं. हमीरपुर में वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यक्रम में शामिल होंगे.


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हमीरपुर के दोसड़का से अलग-अलग परियोजनाओं का शिलान्यास करने के लिए आ रहे हैं. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी होंगे. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी निमंत्रण दिया गया था, लेकिन, वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. बतौर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह इस कार्यक्रम में जा रहे हैं.


मुलाकात तो हुई, लेकिन बात क्या हुई?


मंगलवार सुबह जब कांग्रेस के छह बागी और अयोग्य करार विधायकों से मुलाकात करने के बाद विक्रमादित्य सिंह बाहर आए, तो मीडिया ने उनको घेर लिया. इसके बाद विक्रमादित्य सिंह पर एक के बाद एक सवाल दागे गए, लेकिन उन्होंने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया. विक्रमादित्य सिंह खामोशी से खड़े होकर केवल मुस्कुराते रहे. अब जानकार कह रहे हैं कि विक्रमादित्य सिंह की इस खामोशी के पीछे बड़ा संदेश है.


इससे पहले जब विक्रमादित्य सिंह ने बागी विधायकों से मुलाकात की थी, तब मुख्यमंत्री ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने उन्हें इसकी जानकारी दी है और विधायक वापस कांग्रेस में आना चाहते हैं. इसके तुरंत बाद बागी हुए विधायकों का भी बयान आया और उन्होंने इस बात से खुलेआम इनकार कर दिया. चंडीगढ़ के होटल ललित में डटे यह अयोग्य करार विधायक भी बताने के लिए तैयार नहीं हैं कि विक्रमादित्य सिंह के साथ उनकी क्या बात हुई है.


बड़ा खेल तो होगा! लेकिन किसके साथ?


विक्रमादित्य सिंह की चुप्पी और लगातार हो रही मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि विक्रमादित्य सिंह इन बागी विधायकों के साथ मिलकर कोई बड़ा खेल कर सकते हैं. हालांकि, यह तो आने वाले वक्त में ही स्पष्ट होगा कि यह खेल कांग्रेस के साथ होगा या बीजेपी के साथ. इसके अलावा कहा यह जा रहा है कि विक्रमादित्य सिंह इन्हें मनाने के लिए भी आए हैं, लेकिन इस बात की संभावना न के बराबर है. क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से जिस तरह के बयान इन नेताओं के लिए सामने आ रहे हैं, उसके बाद उनकी वापसी संभव नहीं है.


विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली जाकर केंद्रीय आलाकमान से भी मुलाकात की है. ऐसे में यह भी संभव है कि विक्रमादित्य सिंह ने आलाकमान का कोई संदेश इन विधायकों तक पहुंचाया हो. कुल मिलाकर विक्रमादित्य सिंह किए चुप्पी अलग-अलग तरह की चर्चाओं को जन्म दे रही है.


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