Himachal Pradesh Disaster: हिमाचल प्रदेश में इस साल में मानसून ने भारी तबाही मचाई है. बीते साल भी राज्य में बारिश आफत बनकर बरसी थी. भारी बारिश की वजह राज्य की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था. इस साल भी यह सिलसिला बरकरार है.


हिमाचल प्रदेश में लोक निर्माण विभाग कब तक 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. आने वाले दिनों में भी मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक राज्य के कई हिस्सों में भारी से भारी बारिश की संभावना है. ऐसे में आने वाला वक्त भी आम लोगों के साथ राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब बना हुआ है.




बादल फटने से पधर में सड़कें अब भी बाधित


हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बारिश और बादल फटने के कारण प्रदेश में जान-माल का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. भारी बारिश और बादल फटने की घटना की वजह से लोक निर्माण विभाग को प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. जिला मंडी के पधर में बादल फटने के कारण सड़क अब भी यातायात के लिए बंद है, जिसे जल्द ही बहाल करने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा जिला शिमला और कुल्लू में भी राहत एवं बचाव अभियान जारी है.


बीजेपी सांसद भी करें हिमाचल की मदद - विक्रमादित्य सिंह


विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को अभी तक किसी भी प्रकार की वित्तीय मदद नहीं मिली है. उन्होंने हिमाचल प्रदेश से भाजपा के चारों सांसदों से आग्रह किया कि आपदा की इस घड़ी में वे केंद्र के समक्ष हिमाचल के लिए आर्थिक मदद का मुद्दा उठाएं, ताकि जो प्रभावितों को पुनर्स्थापित किया जा सके.


विक्रमादित्य ने कहा कि टीसीपी और साडा मापदंडों के मुताबिक सरकार की ओर से नदी-नालों से 100 मीटर की दूरी तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया था. इस फैसले को कड़ाई से लागू करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- 4 का काम भी होने वाला है. इसके तहत 100 से 200 तक की आबादी वाले गावों में सड़कें बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी.