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सियासत के भंवर में फंसे विक्रमादित्य सिंह! कांग्रेस विचाधारा के साथ जन भावनाओं का सम्मान कितनी बड़ी चुनौती?

Vikramaditya Singh News: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के सामने कांग्रेस पार्टी लाइन और जन भावनाओं का ध्यान रखने की बड़ी चुनौती है. विक्रमादित्य सिंह ने दोनों को ही सर्वोपरि बताया है.

Himachal Pradesh News: बीते दिनों शिमला में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की ओर से दिया गया एक बयान देश भर की सुर्खियों में छाया रहा. विक्रमादित्य सिंह ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की बात कही. 

इस पर जहां व्यापारियों और जनता के एक बड़े वर्ग का विक्रमादित्य को समर्थन मिला. तो वहीं, दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया. विपक्ष के नेता इसे हिमाचल में योगी मॉडल बताने लगे.

कांग्रेस विचाधारा के साथ जन भावनाओं के सम्मान की चुनौती
जानकारी आई कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को आलकमन ने दिल्ली तलब कर लिया है. विक्रमादित्य सिंह ने दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात भी की और अपना रुख स्पष्ट किया. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है, वह यही है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी लाइन पर भी चलना है और हिमाचल की जनता की भावनाओं को भी ध्यान में रखना है. 

हिमाचल प्रदेश के लोगों के हित सर्वोपरि- विक्रमादित्य
शिमला लौटने के बाद लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपनी निजी आवास होलीलॉज में एक पत्रकार वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी विचारधारा और हिमाचल प्रदेश के हित उनके लिए सर्वोपरि हैं. पिछले दिनों दिए गए उनके एक बयान को लोगों ने राजनीतिक और सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देशभर में रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए कानून बना है. 

हिमाचल प्रदेश में भी इसके लिए कानून है. साल 2014 में स्ट्रीट वेंडिंग से संबंधित एक्ट आया था. साल 2016 में हिमाचल प्रदेश ने संशोधन के साथ इसे लागू किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले भी नियमों के मुताबिक ही काम होता था. भविष्य में भी नियमों के मुताबिक ही काम होता रहेगा. करीब 26 मिनट लंबी प्रेसवार्ता में विक्रमादित्य सिंह ने एक बार भी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर सीधा निशाना नहीं साधा.

आलाकमान ने दिल्ली नहीं बुलाया- विक्रमादित्य सिंह
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि आलाकमान ने उन्हें दिल्ली तलब नहीं किया था. उनके दिल्ली में पहले से ही निर्धारित कार्यक्रम थे. इसके अलावा दिल्ली जाने पर वह हमेशा ही आलाकमान के नेताओं से मुलाकात करते हैं. ऐसे में यह मुलाकात भी पूर्व निर्धारित थी. विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि वह पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं और पार्टी की नीति को लेकर आगे बढ़ेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों की भावनाएं भी उनके लिए महत्वपूर्ण हैं. 

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को उत्तर प्रदेश के साथ जोड़ने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि यह संभव है कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया हो. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा राज्य है. हिमाचल जैसे 10 राज्य उत्तर प्रदेश में आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि हर राज्य का मुद्दा अलग-अलग है और उसके मुताबिक ही वहां काम भी होता है.

मैं पार्टी की विचारधारा के साथ हूं- विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय आलाकमान को यह बताया है कि वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और पार्टी की विचारधारा को लेकर ही आगे बढ़ रहे हैं. उनके पिता वीरभद्र सिंह भी ऐसा ही करते थे और वे भी पिता की राह पर ही अग्रसर हैं. विक्रमादित्य ने कहा कि उन्हें राज्य की 70 लाख की आबादी की भावनाओं का भी ध्यान रखना है. 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया की ओर से स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी को लेकर गठित की गई कमेटी की बैठक 3 अक्टूबर को होनी है. इस बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य हिस्सा लेंगे और स्ट्रीट वेंडिंग पॉलिसी को लेकर चर्चा की जाएगी.

यह भी पढ़ें: मौसम की मार! हिमाचल में मानसून के दौरान 1360 करोड़ का नुकसान, तीन महीने में 342 लोगों की गई जान

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