Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) का इस्तीफा स्वीकार करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह उनके छोटे भाई हैं. सीएम ने कहा कि उनकी जो नाराजगी है, उसे दूर किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक भी बुलाई है.
पत्रकारों से बातचीत में सीएम सुक्खू ने विक्रमादित्य के इस्तीफा देने से जुड़े सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा, ''विक्रमादित्य सिंह जी से बात हुई है. ऐसी कोई बात नहीं है. वह मेरे छोटे भाई हैं. निश्चित रूप से किसी को गुस्सा आता है तो वह इस्तीफा दे देता है. उनका इस्तीफा स्वीकार करने का कोई औचित्य ही नहीं है. बजट सत्र के दौरान उनसे आज हमारी बात हुई. लेकिन इस बीच सदन में स्पीकर आ गए. उनकी जो भी नाराजगी है उसे दूर किया जाएगा.''
इस्तीफा देने की विक्रमादित्य ने बताई थी यह वजह
विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि मौजूदा परिस्थिति में, मेरे लिए सरकार का हिस्सा बना रहना सही नहीं होगा. इसलिए मैंने कैबिनेट से इस्तीफा देने का फैसला किया है. विक्रमादित्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नाराजगी जताई थी. विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''मैंने हमेशा पार्टी नेतृत्व और सीएम का सम्मान किया है और सरकार को चलाने में अनुशासन के साथ अपना योगदान दिया है. मैं आज खुद की प्रशंसा नहीं कर रहा, पिछले एक साल में बतौर मंत्री मैंने कांग्रेस की सरकार में, अपनी पूरी क्षमता के साथ उसका साथ दिया है.''
हमारा विश्वास तोड़ा गया है- विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह ने यह आरोप लगाया है कि ''कैबिनेट मंत्री होने के नाते कुछ लोगों ने उन्हें अपमानित करने का प्रयास किया. मैं सीएम का सम्मान करता हूं लेकिन मंत्रियों के बीच में समन्वय होना चाहिए. विश्वास तोड़ा गया है जिस वजह से आज हम इस स्थिति में खड़े हैं.'' विक्रमदित्य सिंह पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. विक्रमादित्य ने अपने पिता के स्टैचू के लिए जगह न देने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की थी.
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