Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में आए सियासी भूचाल के बीच पक्ष-विपक्ष में वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक और जयराम सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे विपिन सिंह परमार (Vipin Singh Parmar) ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के जरिए कांग्रेस के चुने हुए प्रतिनिधियों ने अपने नेतृत्व के प्रति रोष व्यक्त कर दिया. उन्होंने कहा कि अब जब कांग्रेस के विधायक बागी हुए, तो सरकार ने अन्य विधायकों को बचाने के लिए रेवड़ियां बांटने का काम शुरू कर दिया है.
हिमाचल में बीजेपी विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि अब विधायकों को अध्यक्ष और कैबिनेट रैंक दिए जा रहे हैं, ताकि वह पार्टी छोड़कर न जाएं. बता दें कि शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रामपुर के विधायक नंद लाल को सातवें वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया है. उन्हें कैबिनेट रैंक से भी नवाजा गया.
'अपने ही विधायकों को काला नाग कहना दुर्भाग्यपूर्ण'
भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बागी विधायकों के लिए काले नाग की संज्ञा दी. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री को अपने ही विधायकों के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. विपिन सिंह परमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. विधायक अपने ही नेतृत्व से परेशान हैं. जिन विधायकों ने हिमाचल प्रदेश की आवाज उठाने के लिए सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की, बिना उन्हें सुने ही उनकी सदस्यता समाप्त की गई.
विश्वास खो चुकी है सुक्खू सरकार- परमार
विपिन सिंह परमार ने कहा कि सरकार अब चाहे अपने नए विधायकों को बचाने के लिए जितनी भी रेवड़िया बांट ले, लेकिन सरकार लोगों का विश्वास हो चुकी है. विपिन सिंह पर करने कहा कि जो कांग्रेस के छह बागी नेता चंडीगढ़ में हैं, वह अपनी इच्छा से वहां हैं. भाजपा का इसमें कोई भी दबाव नहीं है. उन्होंने कहा कि इन विधायकों ने हिमाचल के हित की आवाज बुलंद की है.
80 फ़ीसदी से ज्यादा विधायकों का समर्थन- CM
वहीं, इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दावा किया है कि उनके साथ 80 फीसदी से ज्यादा विधायकों का समर्थन है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार पूरे पांच साल चलेगी. भारतीय जनता पार्टी आम जनता से मिले आदेश का अपमान करने की कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन विधायकों ने बगावत की है, वह धन के लोभ में पार्टी छोड़कर गए हैं.
ये भी पढ़ें:
Himachal Political Crisis: दिल्ली में विक्रमादित्य ! नितिन गडकरी से कर सकते हैं मुलाकात | ABP News