Virbhadra Singh Birthday: किसी लोकतांत्रिक देश में अगर किसी नेता को 'राजा साहब' कहकर पुकारा जाए, तो आप क्या कहेंगे? छह दशकों तक हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के साथ देश की राजनीति करने वाले वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) जिन्हें उनके समर्थक प्यार से राजा साहब कहते हैं. वीरभद्र सिंह अपने नाम की तरह ही वीर भी थे और भद्र भी. वीरता ऐसी कि कोई सियासी प्रतिद्वंदी कभी सामने टिक ही नहीं सका और भद्रता ऐसी कि कभी कोई उनके पास से खाली हाथ वापस नहीं लौटा.
जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री से प्रेरणा लेकर राजनीति में आए वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश की राजनीति पर ऐसा प्रभाव डाला कि उनकी गिनती हिमाचल प्रदेश के शीर्ष नेताओं में होती है. वीरभद्र सिंह को आधुनिक हिमाचल के निर्माता के तौर पर भी जाना जाता है. छह बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने वाले वीरभद्र सिंह यूपीए सरकार के दौरान केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे. वीरभद्र सिंह कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे. उनकी इच्छा थी कि वह हिस्ट्री के प्रोफेसर बने, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था.
साल 1962 में लड़ा था पहला चुनाव
राजनीति में वीरभद्र सिंह की एंट्री हुई और इसके बाद वीरभद्र सिंह का नाम अमर हो गया. साल 1962 में वीरभद्र सिंह ने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा. इसके बाद उन्हें केंद्र की राजनीति से प्रदेश की राजनीति में भेजकर साल 1983 में प्रदेश के मुखिया की कमान सौंपी गई. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इसी साल उपचुनाव में जीत हासिल की. साल 1983 से साल 2012 तक वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. साल 2012 से साल 2017 तक मुख्यमंत्री के तौर पर उनका आखिरी कार्यकाल रहा. वीरभद्र सिंह रोहडू, जुब्बल कोटखाई, शिमला ग्रामीण और अर्की से चुनाव लड़े.
वीरभद्र सिंह की प्रासंगिकता बरकरार
साल 2017 में अर्की विधानसभा क्षेत्र से वीरभद्र सिंह ने आखिरी चुनाव लड़ा. 8 जुलाई 2021 को लंबी बीमारी के बाद वीरभद्र सिंह का निधन हो गया. इसके अलावा मंडी संसदीय क्षेत्र से भी उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा. साल 1962 में वीरभद्र सिंह ने पहली बार महासू सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. भले ही वीरभद्र सिंह का देहांत हो गया हो, लेकिन हिमाचल प्रदेश की राजनीति में आज भी उनकी प्रासंगिकता बरकरार है.
साल 2022 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह का चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ा. इससे पहले साल 2021 के उपचुनाव में भी वीरभद्र सिंह की भावनात्मक लहर में ही कांग्रेस को 4-0 से जीत मिली थी. आज वीरभद्र सिंह के जन्मदिन के मौके पर प्रदेश भर की जनता उन्हें याद कर रही है.