Himachal Pradesh: पहले उपचुनाव और फिर विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के नाम पर जीतने वाली कांग्रेस (Congress) ने अपने सभी पोस्टरों से वीरभद्र सिंह की तस्वीर को गायब कर दिया है. स्वाभाविक है कि जब पोस्टरों में वीरभद्र सिंह की तस्वीर नजर नहीं आई, तब हर किसी को यह पोस्टर अधूरा नजर आया. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तो कांग्रेस (Congress) से पूछा कि आखिर क्यों वीरभद्र सिंह की तस्वीर को पोस्टर में जगह नहीं दी जा रही है? कांग्रेस पार्टी का भी एक धड़ा तस्वीर न लगाए जाने से नाराज चल रहा है.


इस बीच वीरभद्र सिंह के बेटे और हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) की प्रतिक्रिया सामने आई है. तस्वीर के सवाल पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह की तस्वीर लोगों के दिलों में है. वह खुद वीरभद्र सिंह के प्रतिबिंब के रूप में काम कर रहे हैं. इसके लिए बीजेपी  को चिंता करने की जरूरत नहीं है.


क्या वीरभद्र सिंह को भुलाया दिया गया है?
अब भले ही विक्रमादित्य सिंह ने समर्थकों और शुभचिंतकों के साथ आलोचकों को शांत करने के लिए ये जवाब दिया हो, लेकिन सवाल यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश का विकास वीरभद्र मॉडल की तर्ज पर करने का दावा करने वाली कांग्रेस को अब अपने नेता वीरभद्र सिंह की याद क्यों नहीं आ रही है? हिमाचल में हुए उपचुनाव के दौरान भी चारों सीट पर वीरभद्र सिंह के नाम ने कांग्रेस को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उपचुनाव से बना माहौल कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव में भी कारगर सिद्ध हुआ. विधानसभा चुनाव में भी जमकर वीरभद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल किया गया. अब प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस में पीढ़ी परिवर्तन के बाद वीरभद्र सिंह को भुला दिया गया है.


पोस्टरों पर आई नगर निगम शिमला की लड़ाई
इससे पहले कांग्रेस ने भी बीजेपी से सवाल पूछा था कि आखिर वो सभी पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल क्यों कर रही है? हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने सवाल खड़े किए थे कि क्या शिमला में पार्किंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाएंगे? मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस बात पर कहा कि नगर निगम शिमला चुनाव में प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल करने का कोई औचित्य नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बात तब करेंगे, जब देश में लोकसभा चुनाव होंगे. कुल-मिलाकर नगर निगम शिमला चुनाव की लड़ाई पोस्टरों पर आकर टिकी हुई है. दो मई को चुनाव होने हैं और परिणाम चार मई को आएंगे. ऐसे में पूरे प्रदेश की निगाहें इस चुनाव पर लगी हुई है.


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