Himachal Politics: राजनीति का शिकार हुई रिज पर प्रस्तावित वीरभद्र सिंह की प्रतिमा, जानें किस वजह से हो रही देरी?
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज है. 23 जून को वीरभद्र सिंह के जन्मदिन के मौके पर उनकी प्रतिमा रिज मैदान पर लगाए जाने की योजना थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
Virbhadra Singh Statue: बकौल उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री वीरभद्र सिंह की महान शख्सियत किसी प्रतिमा की मोहताज नहीं है. यह बयान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने 22 जून को वीरभद्र सिंह की प्रतिमा (Virbhadra Singh Statue) के अनावरण के दौरान दिया. सैंज में वीरभद्र सिंह के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर प्रतिमा स्थापित भी हुई क्योंकि प्रदेश के लोगों को इसकी जरूरत महसूस हो रही थी.
20 जून को जब सोशल मीडिया पर वीरभद्र सिंह की प्रतिमा की तस्वीर वायरल हुई, तो हर किसी को लगा कि यह प्रतिमा शिमला के रिज मैदान पर लगने जा रही है. इससे पहले नगर निगम शिमला की ओर से ऐसी ही घोषणा की गई थी. इसे लेकर प्रस्ताव भी पास किया गया था. एकाएक पता चला की प्रतिमा रिज मैदान पर नहीं बल्कि कुमारसैन के सैंज में लगने जा रही है. यह प्रतिमा सरकार की ओर से नहीं बल्कि हिमालयन वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से लगाई जा रही है.
अंदरूनी राजनीति की भेंट चढ़ रही प्रतिमा?
वीरभद्र सिंह के निधन के बाद यह उनका दूसरा जन्मदिन था. पूरे प्रदेश में वीरभद्र सिंह को उनके जन्मदिन पर याद किया, लेकिन रिज पर प्रतिमा न लगने के चलते यह जन्मदिन कुछ अधूरा ही रह गया. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर (LOP Jairam Thakur) ने सवाल खड़े किए. कांग्रेस पर आरोप लगाए कि अंदरूनी राजनीति के चलते वीरभद्र सिंह की प्रतिमा नहीं लगने दी जा रही है. जयराम ठाकुर ने कहा कि पार्टी लाइन से हटकर भाजपा सरकार ने वीरभद्र सिंह की प्रतिमा की फाइल को आगे बढ़ाया था. इसके लिए रिज मैदान का चयन भी हुआ, लेकिन अब कांग्रेस सरकार में ही वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित नहीं की जा रही है.
क्या बोलीं प्रतिभा सिंह?
इस पर हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष और वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) ने कहा कि कांग्रेस में अंदरूनी राजनीति के आरोप सही नहीं हैं. वह इस बारे में हिमाचल प्रदेश सरकार से बात करेंगे. यह प्रतिमा लगाना इतना भी आसान नहीं है. इसके लिए पहले जगह चयनित होगी और फिर प्रतिमा स्थापित होगी. हालांकि तथ्य यह है कि वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए रिज मैदान का चयन किया जा चुका है. नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान (Surender Chauhan) का कहना है कि निगम की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है. फिलहाल यह मामला सरकार के स्तर पर ही लंबित है. जानकारी के मुताबिक, भाषा एवं संस्कृति विभाग ने भी प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया है. सरकार की ओर से मामले में आई क्वेरी का जवाब भी दे दिया गया है.
वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने के लिए हम सरकार से करेंगे बात- प्रतिभा सिंह #shimla #HimachalPradesh #congress #virbhadrasingh pic.twitter.com/VSdL4dPqV8
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) June 24, 2023
क्यों नहीं लग पा रही प्रतिमा?
अब ऐसे में सवाल यह है कि जब विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (Himachal BJP) अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी रहे वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाए जाने की मांग कर रही है. तो आखिर कांग्रेस सरकार के स्तर पर इस काम में देरी क्यों हो रही है? जानकार इस ओर भी ध्यान दिला रहे हैं कि सरकार के स्तर पर इस देरी की वजह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक रिश्ते भी हैं.
रिश्तों में रही सियासी खट्टास !
वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खू के हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए सियासी रिश्ते कभी ठीक नहीं रहे. हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान हिमाचल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और ऊना सदर से विधायक सतपाल सिंह सत्ती (Satpal Singh Satti) ने तो सदन में खुलकर वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के राजनीतिक रिश्ते पर बात की थी. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का हाल ही में दिया गया बयान भी इसी ओर इशारा कर रहा है. सरकार की ओर से प्रतिमा लगाए जाने को लेकर फिलहाल कोई बयान सामने नहीं आया है. ऐसे में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित न होने पर एक बार फिर कांग्रेस में गुटबाजी की खबरों को हवा मिलती हुई नजर आ रही है.