Assistant Professor Muskan Negi: सपने देखने के लिए आंखों की जरूरत नहीं होती. निश्चय दृढ़ हो, तो संकल्प पूरा हो ही जाता है. ऐसा ही एक सपना और दृढ़ संकल्प पूरा किया दृष्टि बाधित मुस्कान नेगी ने. जन्म से ही दृष्टि बाधित हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के चिड़गांव की रहने वाली मुस्कान नेगी का चयन संगीत के असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुआ है. इसके बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और उनके घर-परिवार में खुशी की लहर है. केवल दृष्टि बाधित होना ही मुस्कान नेगी की पहचान नहीं है. मुस्कान नेगी छोटी-सी उम्र में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं.
दृष्टि बाधित होने के बावजूद मुस्कान ने एनईटी और एसएलईटी जैसी कठिन परीक्षाओं को पास किया. साल 2017 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, साल 2019 में लोकसभा चुनाव और हाल ही में हुए साल 2022 हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी मुस्कान नेगी ब्रांड एंबेसडर रह चुकी हैं. यही नहीं मुस्कान नेगी उड़ान आइडल, गोल्डन वॉइस अवॉर्ड और रफी नाइट अवॉर्ड को भी अपने नाम कर चुकी हैं.
अमेरिका में भी बिखेरा है आवाज का जादू
संगीत की कला में निपुण मुस्कान नेगी अमेरिका के पांच राज्यों में अपनी बेहतरीन और दिलकश कला का प्रदर्शन वैश्विक मंच पर कर चुकी हैं. मौजूदा वक्त में मुस्कान नेगी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संगीत विषय में पीएचडी कर रही हैं. उनकी उपलब्धियां हर किसी को हैरान कर देने वाली हैं. मुस्कान नेगी के पिता सेब बागवान हैं और मां गृहणी.
उमंग फाउंडेशन ने निभाई अहम भूमिका
मुस्कान नेगी की इस सफलता में उमंग फाउंडेशन का महत्वपूर्ण योगदान है. उमंग फाउंडेशन प्रदेश भर में दिव्यांग बच्चों के लिए काम करती है. फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने मुस्कान को जीवन में राह दिखाने का काम किया. बात चाहे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दिव्यांगों के लिए शिक्षा मुफ्त करना हो या फिर घर के निजी मसलों को सुलझाना.
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष ने हर कठिन परिस्थिति में मुस्कान का साथ दिया. मुस्कान की तरह ऐसे सैकड़ों बच्चे हैं, जो उमंग फाउंडेशन के साथ जुड़कर अपनी जिंदगी की नई इबारत लिख रहे हैं. मुस्कान केवल दिव्यांग बच्चों के लिए ही प्रेरणा स्रोत नहीं हैं, बल्कि अन्य बच्चे भी उनसे आगे बढ़ने की प्रेरणा लेते हैं.
हिमाचल में सरकारी संस्थानों में दिव्यांगों के लिए मुफ्त शिक्षा
उमंग फाउंडेशन के प्रयास से ही हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में दिव्यांग बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल रही है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को दिव्यांगों के लिए सुगम बनाया जा रहा है. प्रदेश विश्वविद्यालय में दिव्यांगों की पढ़ाई के लिए सुगम पुस्तकालय भी शुरू किया गया है. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए हर विषय में विशेष पीएचडी सीट की भी सुविधा दी गई है, ताकि दिव्यांगों को उच्चतर शिक्षा हासिल करने में कोई परेशानी न हो.