Himachal News: नगर निगम शिमला के चुनाव का मामला एक बार फिर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में जा पहुंचा है. अधिवक्ता सत्यपाल जैन ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. याचिका में नगर निगम के वार्डों की संख्या 41 से घटाकर 34 करने को नियमों का उल्लंघन बताया है. जैन ने अपनी याचिका में कहा है कि वॉर्ड की संख्या घटाना हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम- 1994 के प्रावधानों का उल्लंघन है. साथ ही इसमें प्रदेश नगर निगम चुनाव नियम 2012 का भी उल्लंघन किया गया है.


28 मार्च को होगी सुनवाई
अधिवक्ता सत्यपाल जैन ने अपनी अर्जी में कोर्ट को बताया है कि पूर्व सरकार के वार्डों की संख्या 34 से बढ़ाकर 41 करने के वक्त नियमों का पूरा ध्यान रखा गया था. ऐसे में अब संशोधन कर वार्डों की संख्या घटाने का कोई औचित्य नहीं बनता है. याचिका पर सुनवाई के बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. मामले की सुनवाई 28 मार्च को तय की है. 28 मार्च को हिमाचल प्रदेश राज्य चुनाव आयोग को मामले में जवाब दायर करना है.


बीजेपी सरकार ने बढ़ाई थी वार्डों की संख्या
गौरतलब है कि पूर्व बीजेपी सरकारों ने नगर निगम शिमला के वोटों की संख्या 34 बढ़ाकर 41 कर दी थी. इसके बाद डिलिमिटेशन से असंतुष्ट होकर कई पार्षदों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. जहां याचिका को खारिज किया गया. इसके बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने पर कांग्रेस सरकार ने वार्डों की संख्या को 41 से घटाकर दोबारा 34 कर दिया गया. इन दिनों हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होने वाले चुनावों को लेकर राज्य चुनाव आयोग तैयारी में जुटा हुआ है. इस बीच अधिवक्ता सत्यपाल जैन की इस याचिका से नगर निगम शिमला के चुनाव दोबारा फंस सकते हैं. मामले की सुनवाई 28 मार्च को होनी है.


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