Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में रविवार को 'भारी से अत्यधिक भारी' बारिश हुई, जिसके चलते भूस्खलन हुआ और अचानक बाढ़ आ गई. इस दौरान कई इलाके जलमग्न हो गए, सड़कें, वाहन और घर बह गए और छह लोगों की मौत हो गई.


राज्य के अधिकारियों ने स्कूलों व कॉलेजों को दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है. मूसलाधार बारिश के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 765 सड़कें बंद कर दी गईं. लाहौल-स्पीति के चंद्रताल और सोलन जिले के साधुपुल समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं.


अधिकारियों ने कहा कि पिछले 48 घंटों में भूस्खलन की 20 बड़ी घटनाएं गुईं और अचानक बाढ़ आने की 17 घटनाओं की सूचना मिली है. 30 से अधिक घर पूरी तरह और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. रावी, ब्यास, सतलुज, स्वान और चिनाब समेत सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.


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ऊना में 1993 के बाद सबसे अधिक बारिश
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, रविवार को बारिश से संबंधित घटनाओं में जहां छह लोगों की मौत हो गई, वहीं 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है.



मौसम विभाग के शिमला स्थानीय कार्यालय के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि रविवार को सोलन में 135 मिलीमीटर बारिश हुई, जिससे 1971 में एक दिन में 105 मिलीमीटर बारिश होने का 50 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया, जबकि ऊना में 1993 के बाद सबसे अधिक बारिश हुई.


मनाली में भारी बारिश से दुकानों के बहने और कुल्लू, किन्नौर तथा चंबा में अचानक नालों में आई बाढ़ में वाहनों के बह जाने और कृषि भूमि को नुकसान होने की भी खबरें सामने आई है. शिमला जिले में कई सड़कें बंद कर दी गई हैं.


भूस्खलन के मलबे में एक व्यक्ति दफन
अधिकारियों ने बताया कि शिमला जिले के कोठगढ़ इलाके में भूस्खलन से एक घर ढह गया, जिसमें एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान अनिल नाम के व्यक्ति, उनकी पत्नी किरन और पुत्र स्वप्निल के रूप में हुई है.


कुल्लू शहर में भी भूस्खलन से एक कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हो गया जिसमें एक महिला की मौत हो गई.


एक अन्य हादसे में चंबा तहसील के कातियान में शनिवार रात भूस्खलन के मलबे में एक व्यक्ति दफन हो गया.



मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन हादसों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.


मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी ने बताया कि सभी लोग सुरक्षित हैं और भोजन एवं आवश्यक दवाइयों का इंतजाम कर दिया गया है. उन्हें एक या दो दिन में सड़कें दुरुस्त होते ही निकाल लिया जाएगा.


कॉलेजों दो दिनों के लिए बंद
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य से संबद्ध सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों और कॉलेजों को दो दिनों के लिए, 10 और 11 जुलाई को बंद कर दिया है.


यहां जारी एक आदेश में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा कि आईसीएसई, सीबीएसई और अन्य बोर्ड से संबद्ध स्कूल अपने स्तर पर स्कूल बंद करने के संबंध में निर्णय ले सकते हैं.



राष्ट्रीय राजमार्ग 21 राज्य के ‘6 माइल’ स्थान पर बाधित रहा. यह वही स्थान है जहां पर यात्री भूस्खलन के कारण 27 जून को 24 घंटे तक फंसे रहे थे. कमांड से होकर गुजरने वाली मंडी-कुल्लू सड़क गोडा फार्म के पास अवरूद्ध रही. मनाली-चंडीगढ़ मार्ग भी मनाली के पास धंस गया.


भारी बारिश में बाहर निकलने से मना किया
कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि कुल्लू-मनाली सड़क कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण अवरूद्ध है. रामशिला के पास ब्यास नदी उफान पर है और यातायात कुल्लू से मनाली तथा मनाली से अटल टनल तक आवगमन के लिए रोक दिया गया है.



उन्होंने कहा कि मंडी-कुल्लू सड़क पर भी भूस्खलन हुआ है जिससे इस मार्ग से केवल आपात सेवा वाहनों को ही जाने की इजाजत है. प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भारी बारिश में बाहर निकलने से मना किया है.


यूनेस्को धरोहर रेल मार्ग पर सभी ट्रेंनें रद्द
शिमला और कालका के बीच यूनेस्को धरोहर रेल मार्ग पर सभी ट्रेंनें रद्द कर दी गई हैं क्योंकि कई स्थानों पर भूस्खलन होने और पेड़ों के गिरने से यह मार्ग अवरुद्ध हो गया है.


चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर चार पर्यटक शनिवार रात उस वक्त बाल-बाल बच गए जब चंडोल के निकट एक चट्टान उनकी गाड़ी पर गिर गयी. हादसे के दौरान पर्यटक मनाली जा रहे थे और स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाया.


कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ के कारण सड़कें अवरुद्ध होने के बाद सुंडो-काजा-ग्रामफू (राष्ट्रीय राजमार्ग 505) पर ग्रामफू और छोटा धर्रा के बीच फंसे 30 कॉलेज छात्रों को शनिवार रात लाहौल और स्पीति के अधिकारियों ने सुरक्षित निकाल लिया.