Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और चंबा जिले में पिछले एक महीने से बारिश और बर्फबारी नहीं होने से अब इन जिलों में जल संकट मंडराने लगा है. दरअसल, कांगड़ा और चंबा जिले की 70 प्रतिशत से ज्यादा जल आपूर्ति परियोजनाएं स्थानीय जलधाराओं और नदियों जैसे सतही जल स्रोतों पर निर्भर करती हैं. डलहौजी में पहले दिन में दो बार पानी की सप्लाई की जाती थी लेकिन अब पानी की कमी के चलते एक बार ही पानी की आपूर्ति की जा रही है.


‘कांगड़ा में 700 और चंबा में 843 जल आपूर्ति परियोजनाएं’
आपको बता दें कि इस समय कांगड़ा जिले में 700 और चंबा जिले में 843 जल आपूर्ति परियोजनाएं चल रही हैं. इन जल आपूर्ति योजनाओं के स्रोतों में कम डिस्चार्ज के चलते चंबा जिले के डलहौजी शहर और धर्मशाला के कुछ क्षेत्रों पानी की कमी आ गई है. इसलिए जल शक्ति विभाग ने डलहौजी में पानी की राशनिंग का विकल्प चुना. डलहौजी में अब दिन में एक बार ही पानी की सप्लाई हो रही है. वहीं धर्मशाला में पहले पानी की सप्लाई 2 घंटे होती थी अब एक ही घंटे पानी दिया जा रहा है.


‘जल भंडारण सुविधाओं में करनी होगी बढ़ोतरी’
जल शक्ति विभाग की तरफ से बताया गया है कि अभी वर्तमान में कांगड़ा और चंबा जिलों की 25 प्रतिशत जल आपूर्ति योजनाओं में सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत पानी का ही निर्वहन हो पा रहा है. अब कम बर्फबारी और कम बारिश की वजह से प्राकृतिक नदियों और झरनों से सीधे पानी प्राप्त करने की पुरानी पद्धति अव्यवहार्य होती जा रही है. अगर आने वाले 10 से 15 दिनों में बारिश नहीं हुई तो जल विभाग को कांगड़ा और चंबा जिले के कई इलाकों में पानी का भंडारण करना पड़ सकता है. सूत्रों की मानें तो जल जीवन मिशन के तहत जल भंडारण सुविधाओं को नहीं बढ़ाया गया है. जिसकी वजह से पानी की कमी से समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 


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