Himachal Weather: बाढ़ से तबाही के बाद अब गर्मी कर रही परेशान, ऊना में सबसे हाई तापमान, जानें अगले 3 दिन कैसा रहेगा मौसम?
हिमाचल में 12 सितंबर तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है. हालांकि मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना जाहिर की है. 13 सितंबर से कुछ इलाकों में बारिश का येलो अलर्ट है.
Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश के अधिकतर जिलों में 12 सितंबर तक मौसम साफ बने रहने का अनुमान है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक सभी जिलों में मौसम साफ बना रहेगा. हालांकि कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है. बीते 24 घंटे में तापमान में भी कोई बड़ा बदलाव दर्ज नहीं किया गया है. प्रदेश में सितंबर महीने की शुरुआत से ही मानसून धीमा पड़ता हुआ नजर आ रहा है. सितंबर के महीने में अब तक सामान्य से 72 फीसदी बारिश कम दर्ज की गई है. अमूमन हिमाचल प्रदेश से 24 सितंबर को मानसून की रुखसती होती है, लेकिन इस बार मानसून कुछ देर से वापस लौटेगा.
ऊना में सबसे ज्यादा तापमान
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, केलांग में सबसे कम 10.4 डिग्री सेल्सियस और ऊना में सबसे ज्यादा 37.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. बारिश से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक, शिमला में 79 फीसदी, बिलासपुर में 66 फीसदी, चंबा में 8 फ़ीसदी, हमीरपुर में 45 फीसदी, कांगड़ा में नौ फ़ीसदी, किन्नौर में 28 फीसदी, कुल्लू में 55 फीसदी, लाहौल स्पीति में 35 फीसदी, मंडी में 50 फ़ीसदी और सिरमौर में सामान्य से 47 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.
8677 करोड़ रुपए का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून से भारी नुकसान हो चुका है. मानसून सीजन में मरने वालों का आंकडा 417 तक पहुंच गया है. इसके अलावा 408 लोग भी इस दौरान घायल हुए हैं. इसके साथ ही मानसून सीजन में अब तक 8 हजार 677 करोड़ का नुकसान हुआ है. मौसम साफ होने के बाद सरकारी मशीनरी भी क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने में जुटी हुई है. प्रदेश में 6 हजार 425 मवेशियों की मौत भारी बरसात से घटनाओं में हो चुकी है. इस मानसून में बड़ी संख्या में रिहायशी व अन्य मकान भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 13 हजार 456 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें 10 हजार 896 मकानों को भी आंशिक क्षति पहुंची है. इसके अलावा प्रदेश में 318 दुकानें और 5 हजार 689 गौशालाएं भी भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आ चुकी हैं.