क्या है कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह वाली हॉट सीट मंडी का सियासी गणित, क्यों मुश्किल है जीत की राह?
Himachal Lok Sabha Chunav 2024: हिमाचल का मंडी संसदीय क्षेत्र पूरे देश में चर्चा का विषय है. यहां भाजपा की कंगना रनौत और कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह के बीच कड़ा मुकाबला है.
Himachal Loksabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में लोकसभा के चुनाव 1 जून को होने हैं. हिमाचल प्रदेश की सबसे चर्चित सीट मंडी है. यहां बीजेपी प्रत्याशी बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और कांग्रेस से सुक्खू सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बीच दिल्ली पहुंचने का मुकाबला है. मंडी संसदीय क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में क्षेत्रफल में भी सबसे बड़ी सीट है.
इस लोकसभा क्षेत्र के तहत 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और यहां साल 1952 से लेकर साल 2021 तक हुए 19 चुनाव और उपचुनाव में 13 बार राजघराने के प्रत्याशियों ने ही जीत हासिल की है. मंडी संसदीय क्षेत्र में मोदी लहर के चलते बीते दो लोकसभा के चुनाव में बीजेपी का कब्जा रहा. हालांकि, इससे पहले 14 बार यह सीट कांग्रेस और पांच बार बीजेपी के खाते में आई, जबकि एक बार इसी पर जनता पार्टी के प्रत्याशी की भी जीत हुई थी.
13 बार घराने से संबंध रखने वाले प्रत्याशियों की जीत
मंडी संसदीय सीट पर राजघरानों से जीत दर्ज करने वालों में राजकुमारी अमृतकौर, राजा जोंगेंद्र सेन बहादुर, ललित सेन, वीरभद्र सिंह, महेश्वर सिंह और प्रतिभा सिंह शामिल हैं. राजकुमारी अमृत कौर कपूरथला के राजा की बेटी थीं. ललित सेन के पिता सुकेत के राजा थे. जोगेंद्र सेन बहादुर मंडी रियासत के राजा थे. वीरभद्र सिंह रामपुर बुशहर के राजा थे. प्रतिभा सिंह इनकी पत्नी हैं. कुल्लू राजघराने से जुड़े महेश्वर सिंह भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार हैं. इस सीट पर हर लोकसभा चुनाव में रोचक मुकाबला देखने को मिलता है. साल 2021 में हुए उपचुनाव के दौरान प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने यहां जीत दर्ज की.
बीजेपी को उपचुनाव में मिली हार
मंडी की यह सीट बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन से खाली हुई थी. उपचुनाव में बीजेपी के 68 चुनावी जनसभाएं करने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह लोकसभा क्षेत्र मंडी की सीट को भी नहीं बचा पाए. इस सीट प्रतिभा सिंह ने जीत दर्ज की थी. दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के गढ़ रहे रामपुर और जनजातीय क्षेत्रों से प्रतिभा सिंह को मिली बढ़त ने कांग्रेस की जीत की राह आसान कर दी थी. वीरभद्र सिंह की मृत्यु के बाद सहानुभूति लहर ने भी कांग्रेस की जीत में योगदान दिया.
मंडी संसदीय क्षेत्र में मौजूदा दलीय स्थिति
कांग्रेस- 4, बीजेपी- 12, लाहौल स्पीति- खाली सीट (यहां 1 जून को उपचुनाव होगा). कुल- 17.
मंडी संसदीय क्षेत्र में मतदाता
कुल मतदाता-13,68,180
पुरुष मतदाता-6,81,867
महिला मतदाता-6,73,278
सर्विस वोटर- 13,032
PWD- 16,409
थर्ड जैंडर मतदाता- 3
साल 2019 लोकसभा चुनाव परिणाम
बीजेपी- राम स्वरूप शर्मा- 6,47,189
कांग्रेस- आश्रय शर्मा- 2,41,730
सीपीआईएम- दिलीप सिंह कायथ- 14,838
बीएसपी- सेस राम- 9060
नोटा- 5,298
जीत का मार्जिन- 4,05,459
साल 2021 के उपचुनाव का परिणाम
बीजेपी- ब्रिगेडियर खुशाल सिंह ठाकुर (रिटायर्ड) 3,56,884,
कांग्रेस- प्रतिभा सिंह- 3,65,6050
नोटा- 12,626
जीत का मार्जिन- 8,766
दिलचस्प होगा मंडी का रण
मंडी संसदीय क्षेत्र में साल 2024 का यह मुकाबला बेहद दिलचस्प रहने वाला है. विक्रमादित्य सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से बीजेपी के लिए भी यह संघर्ष कड़ा हो गया है. जहां एक तरफ मंडी जिला जयराम ठाकुर का गढ़ है. तो वहीं, रामपुर और इसके साथ लगते इलाके वीरभद्र सिंह के परिवार के साथ चलते रहे हैं. फिलहाल हिमाचल प्रदेश में चुनावी प्रचार ने जोर नहीं पकड़ा है. चुनाव नजदीक आते-आते चुनावी प्रचार भी तेज होगा और इससे सियासी हवा के रुख का भी अंदाजा लगाया जा सकेगा. फिलहाल कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच वार और पलटवार जोरों पर है.
'आपदा के वक्त कहां गायब थे सुरेश कश्यप?' CM सुक्खू ने बीजेपी सांसद पर खड़े किए सवाल