Bal Vidhansbha Satr: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 12 जून को ऐतिहासिक बाल सत्र का आयोजन हुआ. इस ऐतिहासिक सत्र की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया (Kuldeep Singh Pathania) ने की.  य़ह देश की दूसरी ऐसी विधानसभा बनी, जहां बाल सत्र का आयोजन किया गया. इससे पहले राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन हुआ था. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आयोजित बाल सत्र के लिए कुल 68 बच्चों का चयन किया गया था. इन्हीं 68 बच्चों ने विधानसभा स्पीकर, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री नेता प्रतिपक्ष और विधायकों की भूमिका निभाई.


हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाल सत्र में प्रदेश के वित्त मंत्री की भूमिका फैजान निभाई. फैजान जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में पढ़ते हैं. साधारण परिवार से संबंध रखने वाले फैजान को विधानसभा में वित्त मंत्री के तौर पर विधायकों के सवालों का जवाब देने का मौका मिला. सदन में उनसे पूछे गए सवालों के जवाब देते हुए फैजान ने कहा, 'वित्त एक गंभीर मंत्रालय है. महोदय! इसके सही प्रबंधन के माध्यम से ही प्रदेश विकास की ऊंचाईयों को छूता है. ऐसे में विभाग द्वारा प्रदेश सरकार के सभी कर्मचारियों द्वारा व्यय हर राशि का लेखा-जोखा रखा जाता है. हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि प्रदेश में सरकार का एक भी पैसा अनावश्यक रूप से खर्च करने का कोई सवाल नहीं उठता'.


मुख्यमंत्री पद के लिए किया था आवेदन
फैजान ने अपनी एंट्री डिजिटल बाल मेला को भेजी थी. हालांकि फैजान ने मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी. फैजान का कहना है कि अगर वे बाल सत्र में मुख्यमंत्री बनते, तो शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान देते. साथ ही तकनीकी शिक्षा को प्राथमिकता देते, जिससे हिमाचल प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार का सृजन हो पाता.


CM सुक्खू थे सत्र के मुख्य अतिथि
मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश सरकार में वित्त मंत्री का कार्यभार प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास ही है. हिमाचल प्रदेश में वित्त के साथ गृह विभाग को मुख्यमंत्री के अपने पास रखने की परंपरा रही है. 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन किया गया था इस सत्र में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की जबकि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे.


1085 बच्चों ने किया था आवेदन
बाल सत्र के लिए 68 बच्चों को तय प्रक्रिया के तहत चुना गया था. चयन प्रक्रिया को तीन भागों में बांटा गया था. पहले भाग में वीडियो क्राइटेरिया पूरा करने वाले 585 बच्चों का चयन हुआ. दूसरे चरण में बच्चों की अभिव्यक्ति के आधार पर 285 बच्चों को चाइल्ड पैनल ने चुना. इसके बाद इन 285 बच्चों में से अंतिम चरण में 68 बच्चों की का चयन किया गया.


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