कौन होंगे हिमाचल BJP के अध्यक्ष? राजीव बिंदल के साथ इन नामों की खूब हो रही चर्चा
Himachal Pradesh BJP: हिमाचल बीजेपी के सांगठनिक चुनाव संपन्न की तरफ बढ़ रहे हैं. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के एक बार फिर अध्यक्ष बनने की चर्चा है.
Himachal Pradesh BJP Chief: हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 17 संगठनात्मक जिलों में से 16 जिलों के चुनाव संपन्न करा चुकी है. जल्द ही ऊना जिले में भी मंडल अध्यक्षों के साथ जिला अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी. अब तक 16 जिलों में सात जिलों के अध्यक्षों को रिपीट किया गया है. जिला अध्यक्षों में राजपूत बिरादरी का दबदबा ज्यादा नजर आ रहा है.
हिमाचल भाजपा अभी तक सिर्फ एक ही महिला नेता को जिला अध्यक्ष की कमान सौंप सकी है. संख्या के लिहाज से एक बड़े जिले में भी महिला नेता को जिला अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी पूरी थी, लेकिन अंत में महिला नेता ने इसके लिए इनकार कर दिया.
क्या बिंदल ही रिपीट होंगे?
सभी 17 संगठनात्मक जिलों के चुनाव पूरे होने के बाद राज्य अध्यक्ष को चुना जाना है. अब तक की जानकारी और समीकरण यह बता रहे हैं कि डॉ. राजीव बिंदल ही एक बार फिर हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष बनने वाले हैं. जिस तरह से पार्टी ने ज्यादातर जिला अध्यक्षों को रिपीट किया है, उससे ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं. इसके अलावा डॉ. राजीव बिंदल को बतौर अध्यक्ष पूरा तीन साल का कार्यकाल नहीं मिल सका है. ऐसे में पार्टी उन्हें पूरा कार्यकाल भी देने पर विचार कर रही है.
बिंदल के तीसरी बार अध्यक्ष बनने की चर्चा
अप्रैल 2023 में नगर निगम शिमला चुनाव से ठीक पहले डॉ. राजीव बिंदल को दोबारा अध्यक्ष बनाया गया था. इससे पहले जब भी साल 2020 में प्रदेश अध्यक्ष थे, तब कोरोना काल के दौरान कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में नाम जोड़े जाने पर उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था.
बिंदल ने अपने इस्तीफा में स्पष्ट किया था कि वह नैतिकता के आधार पर पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ रहे हैं. बाद में जब इस तरह के आरोप साबित नहीं हो सके, तो पार्टी ने उन्हें दोबारा अध्यक्ष पद सौंपा. अगर हिमाचल भाजपा तीसरी बार डॉ. राजीव बिंदल को अध्यक्ष बनाती है, तो वे तकनीकी रूप से तीसरी बार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बन जाएंगे.
बिंदल नहीं तो फिर कौन?
अपने फैसलों से सबको हैरान करने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए कुछ भी पुख्ता तौर पर कहना समझदारी नहीं मानी जाती. ऐसे में अगर डॉ. राजीव बिंदल को अध्यक्ष नहीं बनाया जाता, तो अध्यक्ष पद जिला कांगड़ा की झोली में जा सकता है. पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के बाद बीजेपी में अब तक कोई अध्यक्ष जिला कांगड़ा से नहीं बना है. ऐसे में कांगड़ा के किले को साधने की कोशिश की जा सकती है. कांगड़ा जिला हिमाचल का सबसे बड़ा जिला भी है और यहां विधानसभा की 15 सीट हैं.
इसी तरह अगर जातीय समीकरणों पर नजर डाली जाए, तो शिमला से सुरेश भारद्वाज भाजपा के आखिरी ब्राह्मण जाति से आने वाले अध्यक्ष थे. उनके बाद अब तक कोई ब्राह्मण बिरादरी वाला नेता पार्टी अध्यक्ष नहीं बना है. ऐसे में अगर क्षेत्रीय समीकरण के साथ जातीय समीकरण साधने हों, तो पार्टी मौजूदा राज्यसभा सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज पर दाव खेल सकती है. वे हिमाचल बीजेपी में चल रहे सांगठनिक चुनाव के अधिकारी भी हैं.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ेगी बीजेपी?
हिमाचल बीजेपी को आज तक महिला अध्यक्ष नहीं मिली है. लंबे वक्त से महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व मिलने का इंतजार है. पूर्व में हिमाचल भाजपा महिला मोर्चा के अध्यक्ष रही इंदु गोस्वामी भी अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं. वह भी मौजूदा वक्त में राज्यसभा सांसद हैं.
अगर इंदु गोस्वामी पार्टी के अध्यक्ष बनती हैं, तो महिला कार्ड के साथ पार्टी जातीय समीकरण साधकर ब्राह्मण महिला नेता पर विश्वास जता सकती है और इसी तरह जिला कांगड़ा को भी साधा जा सकेगा. इस लिहाज से देखें, तो इंदु गोस्वामी तीन समीकरणों में बिलकुल सटीक बैठ रही हैं.
चर्चा में नड्डा के सबसे करीबी विधायक का भी नाम
हिमाचल प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष बनने के लिए जिस नाम की सबसे लंबे समय से चर्चा है, वह नाम त्रिलोक जामवाल का है. जामवाल भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के सबसे करीबी माने जाते हैं. मौजूदा वक्त में बिलासपुर सदर से विधायक हैं. नड्डा और जामवाल का साथ छात्र राजनीति के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का है.
हिमाचल विधानसभा में सदन के भीतर बीजेपी की मजबूत आवाज बनकर उभर रहे जामवाल को जगत प्रकाश की पहली पसंद भी माना जाता है. वे बिलासपुर से आते हैं और यह क्षेत्र हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में है. इस तरह नड्डा अपने सबसे करीबी त्रिलोक जामवाल को भी राज्य का अध्यक्ष बना सकते हैं. इन चर्चाओं से इतर अगर बीजेपी किसी नए चेहरे को उतार दे, तो इसमें भी कोई अचंभा नहीं होगा.
ये भी पढ़ें- HMPV को लेकर हिमाचल सरकार सतर्क! लोगों से न घबराने की अपील, लक्षण दिखने पर अस्पताल आने की सलाह