Himachal Pradesh News: जनसंख्या के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने रोडवेज बस के किराए में बढ़ोतरी की है. बढ़ोतरी के बाद विपक्षी सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं. इस बीच हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में भी किराए की दरों को लेकर चर्चा जोरों पर है. हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और यहां किराए में गिरावट और बढ़ोतरी देखने को मिलती रहती है. 


कोरोना काल के दौरान भी निजी बस संचालकों के दबाव में तत्कालीन बीजेपी सरकार को किराए में बढ़ोतरी करनी पड़ी. इसके बाद जब स्थिति सामान्य हुई, तो सरकार ने फिर किराए की दरों में कमी ला दी. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किराए में करने की घोषणा की थी. इसके बाद यह सितंबर के महीने से लागू हुई. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी क्षेत्र में सफर करने के लिए प्रति किलोमीटर 2.19 रुपए चुकाने पड़ते हैं, जबकि मैदानी इलाकों में यह किराया 1.40 रुपए है.


कार्ड बनाकर मिलती है किराए में छूट


हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को किराए में 50 फीसदी की छूट मिली हुई है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में ग्रीन कार्ड, स्मार्ट कार्ड और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सम्मान कार्ड के जरिए किराए में छूट भी दी जाती है. ग्रीन कार्ड और सम्मान कार्ड में यह छूट 20 फीसदी, जबकि लॉन्ग रूट पर स्मार्ट कार्ड में ये छूट 10 फीसदी की है. महिलाओं के लिए 50 फीसदी की छूट केवल हिमाचल प्रदेश के अंदर ही लागू होती है. बाहरी राज्यों का सफर करते वक्त महिलाओं को पूरा किराया चुकाना पड़ता है.


क्या हिमाचल में भी होगी किराया बढ़ोतरी?


देशभर में बीते कुछ वक्त से डीजल की कीमतों में भी लगातार बढ़ोतरी देखने के लिए मिल रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने अभी हाल ही में डीजल में तीन रुपए वैट बढ़ाया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कई बार कठोर निर्णय के लिए जनता को तैयार रहने का संदेश दे चुके हैं. ऐसे में संभव है कि हिमाचल प्रदेश सरकार किराए में भी बढ़ोतरी कर दे. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम किराया 5 रुपए तय किया गया है.


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