World AIDS Day 2024: हिमाचल प्रदेश में 37वें एड्स जागरूकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की. उन्होंने एचआईवी की रोकथाम के लिए 'गेट अवेयर, गेट टेस्टिड और गेट विक्ट्री ओवर एचआईवी' यानी ‘3-जी फॉर्मूला’ दिया. उन्होंने युवाओं से 3-जी फॉर्मूला अपनाने और जागरुकता बढ़ाने में भूमिका निभाने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने दूसरों को भी स्वेच्छा से एचआईवी जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करने में युवाओं का सहयोग मांगा. 


हिमाचल प्रदेश में 5 हजार 897 एड्स के मामले हैं. मरीजों को सरकार मुफ्त इलाज उपलब्ध करवा रही है. साल 2024 में 8 लाख लोगों को एचआईवी के बारे में जागरुक किया गया. जनवरी, 2023 से अक्तूबर, 2024 तक 234 जांच शिविर आयोजित किए गए. शिविरों में 5 लाख 92 हजार 902 लोगों की एचआईवी जांच की गई. हिमाचल प्रदेश में 55 जांच और परामर्श केंद्र हैं. एचआईवी की जांच के लिए दो मोबाइल वाहन भी एक्टिव हैं. 


हिमाचल में एड्स के 5 हजार 897 मामले


साल 2023 में 5 हजार 534 लोग संक्रमित थे. 31 अक्टूबर, 2024 तक अब संक्रमित मरीजों की संख्या 5 हजार 897 हो गई है. सबसे ज्यादा एचआईवी पॉजिटिव जिला कांगड़ा में हैं. कांगड़ा में 1 हजार 576 महिला-पुरुष संक्रमित हैं. सबसे कम लाहौल-स्पीति में एड्स के मामले हैं. लाहौल-स्पीति में एड्स से संक्रमित लोगों की संख्या 10 है. शिमला में 307 एचआईवी पॉजिटिव मामले हैं. 


आंकड़ों से समझें, कहां कितने हैं मामले?


1. प्रदेश में एड्स मरीजों की कुल संख्या: 5897


2. पुरुषों की संख्या: 3187 (54%)


3. महिलाओं की संख्या: 2705 (45.8%)


4. ट्रांसजेंडर (टीजी): 05


किस आयु वर्ग में कितने फीसदी पॉजिटिव


• 0-15 साल: 5.1%
• 16-30 साल: 21.9%
• 31-45 साल वर्ग: 49.4%
• 46-60 साल: 21.2%
• 60 साल से अधिक: 2.4%


जाने-अनजाने में एचआईवी/एड्स किसी को भी हो सकता है. तीन महीने में गर्भवती महिला को एचआईवी जांच जरुर करवानी चाहिए. एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला को प्रसव के दौरान ए.आर.टी. दवा समय देने से और बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद नवजात शिशु को दवा देने से बच्चे को एचआईवी से बचाया जा सकता है. हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में 55 एकीकृत परामर्श एवं जांच केंद्र (ICTC) चलाए जा रहे हैं. दो सामुदायिक केंद्र एचआईवी पीड़ितों की देखभाल के लिए शिमला और हमीरपुर में बनाए गए हैं.


1986 में आया था एड्स का पहला मामला


1986 में एड्स का पहला मामला हमीरपुर जिले से सामने आया था. एड्स धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य हिस्सों में फैलता चला गया. लिहाजा, एड्स कंट्रोल सोसाइटी अस्तित्व में आई. इन दिनों युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं. युवा वर्ग सीरिंज के माध्यम से तरह-तरह के नशे का प्रयोग कर रहे हैं, जिससे एड्स फैलने का खतरा बढ़ रहा है.


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एड्स के मुख्य लक्षण


● ऊर्जा की कमी.
● वजन घटना.
● बार-बार बुखार और पसीना आना.
● देर तक या बार-बार होने वाला फंगल की छूत.
● देर तक रहने वाला डायरिया.
● कुछ समय के लिए विस्मृति.
● गुर्दा में फोड़े.
● खांसी और सांस फूलना.


ऐसे करें बचाव


● अपने साथी से वफादार रहें.
● ज़्यादा व्यक्तियों के साथ यौन संबंध न बनाएं.
● सैलून में शेव करवाते समय नई ब्लेड का इस्तेमाल करें.
● अस्पताल में इंजेक्शन लगाते वक्त नई सिरिंज का प्रयोग करें.
● अस्पताल में खून चढ़ाने की जरुरत पड़ने पर पहले पता कर लें कि व्यक्ति किसी रोग से ग्रसित तो नहीं है.


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