CM Sukhvinder Singh Sukhu Meets World Bank Team: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) ऊर्जा हरित राज्य बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रदेश सरकार ने हिमाचल को साल 2025 तक ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है. सरकार के इस लक्ष्य को पाने में अब वर्ल्ड बैंक कभी साथ मिल रहा है. सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दक्षिण एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक जॉन रूमे के नेतृत्व में विश्व बैंक की टीम के साथ बैठक के दौरान प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने की अवधारणा पर चर्चा की.
विश्व बैंक की टीम ने प्रदेश के लिए ग्रीन रेजीलिएंट इंटेग्रेटिड प्रोग्राम पर विशेष रूचि दिखाई है, जिस पर लगभग 2 हजार 500 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे. यह राशि तकनीकी समीक्षा के आधार पर बढ़ाई भी जा सकती है. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की टीम के इस दौरे के सफल परिणाम सामने आएंगे. इससे प्रदेश सरकार की ओर से हिमाचल प्रदेश को साल 2025 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को पाने में सहायता मिलेगी.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने आगामी नौ महीनों में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. राज्य सरकार साल 2024 के अंत तक 500 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण पर कार्य कर रही है.
प्रदूषण मुक्त राज्य बनेगा हिमाचल
बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की तर्ज पर प्रदेश में वृहद् स्तर पर उत्पादन से लेकर उपयोग तक कार्यप्रणाली पर कार्य करने के लिए प्रयासरत है. हालांकि, ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की तकनीक महंगी है, लेकिन सरकार इस संबंध में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से परामर्श लेगी. इसके तहत देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में प्रथम ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र आरंभ किया गया है. प्रदेश सरकार राज्य में कार्बन डाइऑक्साइड को घटाकर प्रदेश को प्रथम प्रदूषण रहित राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है.
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