Earth Day 2023: दुनियाभर में शनिवार को विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day ) मनाया जा रहा है. शिमला में उमंग फाउंडेशन (Umang Foundation) के दिव्यांग विद्यार्थियों ने भी हिमालयन फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (Himalayan Forest Research Institute) के साथ मिलकर विश्व पृथ्वी दिवस मनाया. इस मौके पर एचएफआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनीत जिष्टु और डॉ. जगदीश भी मौजूद रहे.


विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर उमंग फाउंडेशन में हाल ही में म्यूजिक की असिस्टेंट प्रोफेसर बनी मुस्कान की सफलता का जश्न भी मनाया. दृष्टिबाधित मुस्कान ने हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा पास की है.


पृथ्वी बचाने के लिए काम करने की जरूरत
इस मौके पर हिमालयन फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के से आए मुख्य अतिथि ने कहा है कि सभी को जन्मदिन और अन्य शुभ अवसर पर सभी को पौधा लगाकर जश्न मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज की तारीख में पृथ्वी को बचाने के लिए काम करना बेहद जरूरी है. इस कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को पृथ्वी के संरक्षण और संवर्धन की शपथ भी दिलाई गई.


35 दिव्यांगों के साथ युवाओं ने लिया भाग
कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय चुनाव आयोग की ब्रांड अंबेसडर और दृष्टिबाधित सहायक प्रोफेसर मुस्कान ने की. इसके अलावा रिसर्च स्कॉलर अंजना ठाकुर और सोशल वर्क के विद्यार्थी रितु वर्मा ने भी अपने विचार साझा किए. कार्यक्रम में 35 दिव्यांगों के साथ अन्य युवाओं ने भी भाग लिया.


50 साल बाद मानव जीवन होगा कठिन
कार्यक्रम में उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने कहा कि एचएफआरआई वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यदि दुनियाभर में पेड़ों का कटान वर्तमान रफ्तार से ही जारी रहा, तो अगले 50 साल बाद पृथ्वी पर मनुष्य का जीवन मुश्किल हो जाएगा. वैज्ञानिकों ने बताया कि विश्व में हर साल एक करोड़ पेड़ काटे जा रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण बना है पेपर का इस्तेमाल. यदि हम टिशु पेपर का इस्तेमाल बंद करें, तो पेड़ कटान को कम किया जा सकता है. इसी तरह सरकारी कार्यों में भी ई-गवर्नेंस के उपयोग से कागजों का इस्तेमाल किया जा सकता है.


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