Year Ender 2023 Himachal Pradesh: साल 2023 अपने अंत की तरफ बढ़ रहा है. यह साल हिमाचल प्रदेश को हमेशा याद रहेगा. जुलाई-अगस्त के महीने में भारी बारिश ने प्रदेश में ऐसी भीषण तबाही मचाई, जिसे न तो बीते 50 सालों में कभी देखा गया था और न ही कभी कोई देखना चाहेगा. भारी बारिश की वजह से प्रदेश में 500 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इसके अलावा राज्य सरकार को भी करीब 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. हिमाचल प्रदेश में आई इस आपदा ने आम जन जीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया.


जुलाई महीने में जब हिमाचल में बारिश की वजह से भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा हुई, तब मनाली में करीब 70 हजार पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे हुए थे. ऐसे में राज्य सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती सभी पर्यटकों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाना था. इसके अलावा नदी किनारे बने घर तिनके की तरह बह रहे थे. यही नहीं, बारिश की वजह से स्थिति इतनी गंभीर हो चली थी कि मकान ताश के पत्तों की तरह ढेर होते हुए नजर आ रहे थे. सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए मोर्चा संभाला. प्रदेश के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद ग्राउंड जीरो पर उतरे और प्रशासन ने 70 हजार पर्यटकों को अपने घर पहुंचाया. बेघर हुए लोगों के लिए भी तत्काल सुविधा उपलब्ध करवाई गईं. जुलाई में हुई बारिश ने जिला मंडी और कुल्लू में भारी तबाही मचाई और व्यवस्था के साथ अर्थव्यवस्था को डिरेल कर दिया.


आपदा में गई सैकड़ों लोगों की जान


अभी हिमाचल प्रदेश इस आपदा से संभल ही रहा था कि 13 अगस्त की रात एक बार फिर जोरदार बारिश शुरू हुई. इस बार बारिश ने शिमला को अपना शिकार बनाया. भारी बारिश की वजह से 14 अगस्त की सुबह फागली इलाके में मकान के भूस्खलन में मकान ढहने के वजह से सात लोगों की जान चली गई, जबकि समरहिल के शिव बावड़ी में पूजा करने पहुंचे 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. यहां 12 दिन तक चल सर्च ऑपरेशन के बाद शवों को बरामद किया जा सका. इसी तरह सोलन के ममलीग में भी रात के वक्त मकान में सो रहा परिवार काल का ग्रास बन गया. शिमला के कृष्ण नगर में भी मंजिलों के भरभरा कर गिरने की वजह से दो लोगों की जान चली गई और कई लोग बेघर हो गए.


ग्राउंड जीरो पर नजर आए जनता के नुमाइंदे


हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी. हिमाचल प्रदेश की मदद के लिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नेता और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी हिमाचल आए. राज्य सरकार के मंत्रियों ने भी ग्राउंड जीरो पर उतरकर आम लोगों तक राहत पहुंचाने का काम किया. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी हिमाचल पहुंचकर आपदा प्रभावितों से मुलाकात की. इसके बाद प्रदेश में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष- 2023 का गठन किया गया. इस कोष में राज्य के लोग अब तक करीब 300 करोड़ रुपए का दान दे चुके हैं.


साल 2023 ने हिमाचल को दी भविष्य की सीख


सीएम सुक्खू ने खुद अपनी निजी कमाई से राहत कोष में 51 लाख रुपये की राशि दी. कई बच्चों ने अपने गुल्लक तोड़कर आपदा राहत कोष में दान कर दिए. राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज जारी किया और लोगों आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का काम किया. आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए सरकार ने न केवल राहत राशि में बढ़ोतरी की, बल्कि अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवा कर प्रभावितों तक मदद पहुंचाने का काम किया. पहाड़ी प्रदेश के लिए पहाड़ जैसी समस्या बेहद विकट थी, लेकिन पहाड़ के लोगों का जज्बा भी पहाड़ ही होता है. इसी पहाड़ से जज्बे ने इस चुनौती को भी पार पा लिया. ऐसी आपदा प्रदेश में अब कोई कभी नहीं देखना चाहेगा, लेकिन जरूरत है इस तरह की आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने की, जिसकी कमी इस बार जमकर नजर भी आई.


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