Zila Parishad Cader Employees Himachal: विपक्ष में रहते हुए नेता अक्सर ऐसे वादे कर देते हैं, जो सत्ता में आने के बाद पूरे करना मुश्किल हो जाता है.ऐसा ही वादा कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए जिला परिषद कैडर कर्मचारियों के साथ कांग्रेस ने भी किया था, जिसे पूरा करना अब सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है. विपक्ष में रहते हुए बतौर विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला परिषद कैडर कर्मचारियों के साथ मुलाकात की और उनकी हर मांग को सुलझाने की बात कही. अब हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस की सरकार बन चुकी है. ऐसे में कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने जो वादा किया था, उसे निभाया जाए. कर्मचारी इन दिनों हर जगह वह वीडियो दिखाते हैं, जिस वीडियो में विपक्ष में रहते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू सत्ता में आने के बाद मांग पूरी करने की बात कर रहे हैं.
विभाग में विलय की मांग कर रहे कर्मचारी
जिला परिषद कैडर कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष राजेश ठाकुर का कहना है कि प्रदेश भर के 88 ब्लॉकों के करीब 4 हजार 700 जिला परिषद कैडर कर्मचारी सरकार से विभाग में विलय की मांग कर रहे हैं. यह कर्मचारी लंबे वक्त से सरकार को सेवा दे रहे हैं, लेकिन यह इस विभाग का हिस्सा ही नहीं हैं. ऐसे में यह कर्मचारी चाहते हैं कि इनका विभाग में विलय किया जाए, ताकि इन्हें अन्य कर्मचारियों की तरह लाभ मिल सके. इसके अलावा यह कर्मचारी अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह ही ओल्ड पेंशन स्कीम दिए जाने की भी मांग उठा रहे हैं. कर्मचारियों का तर्क है कि जब विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने उनकी मांग पूरे करने की बात कही थी, तो अब सत्ता में आकर अपना वादा क्यों नहीं निभाया जा रहा है? बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी जिला परिषद कर्मचारियों ने विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया था.
क्या कहती है राज्य सरकार?
वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि सरकार जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की मांग को लेकर सकारात्मक के साथ विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार जल्दबाजी में ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहती, जिसे बाद में कोर्ट में चैलेंज किया जा सके. उन्होंने कहा कि सरकार इस संदर्भ में कानूनी पेचीदगियों का भी ध्यान रखना चाहती है. अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि 11 अक्टूबर को शिमला में होने वाली हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की मांग पूरी करने के लिए एक कैबिनेट सब-कमेटी का गठन होगा. यह कैबिनेट सब-कमेटी सभी कानूनी पेचीदगियों को देखेगी और इसके बाद ही कर्मचारियों की मांग पर फैसला लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 'नो वर्क, नो पे' का नियम भी लागू है. ऐसे में वह चाहते हैं कि जो कर्मचारी पेन डाउन स्ट्राइक कर रहे हैं, वह जल्द से जल्द काम पर लौट आएं. सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक के साथ विचार कर रही है.