Himachal Pradesh Schools Change In Syllabus: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) अपनाने के बाद स्कूली शिक्षा में कई आधारभूत बदलाव करने वाला है. इसके अंतर्गत हिमाचल प्रदेश तीसरी कक्षा से संस्कृत पढ़ाने वाला, छठी कक्षा से वैदिक गणित पढ़ाने वाला व नौवीं क्लास से भगवद् गीता पढ़ाने वाला पहला राज्य बन जायेगा. शैक्षणिक सत्र 2022-23 से (Himachal Pradesh Academic Session 2022-23) हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh School Education Board) देश का पहला ऐसा बोर्ड बनेगा, जो तीसरी कक्षा से संस्कृत विषय को शुरू करेगा. इसी तरह छठी क्लास से वैदिक गणित पढायी जायेगी. जबकि नवीं से 12वीं तक के विधार्थियों को भगवद् गीता पढ़ाई जायेगी.
हिमाचल में संस्कृत है दूसरी राज भाषा –
यहां ये भी बताना जरूरी हो जाता है कि हिमाचल में पहले (Himachal Pradesh Official Language) ही देश की भाषाओं को कितना महत्व दिया जाता है. ऐसे में अचरज नहीं अगर वहां के स्कूल पाठ्यक्रम में ये विषय जोड़ दिए गए हैं. हिमाचल प्रदेश ने संस्कृत को हिंदी के बाद दूसरी राज भाषा (Himachal Pradesh Second Official Language Sanskrit) घोषित कर रखा है.
क्या कहना है डायरेक्टर ऑफ हायर एजुकेशन का -
हिमाचल प्रदेश उच्चतर शिक्षा निदेशक डॉ अमरजीत का कहना है की शिक्षा शैक्षणिक सत्र-2022-23 से तीसरी कक्षा से संस्कृत और छठी कक्षा से वैदिक गणित की पढ़ाई शुरू करेगा. तीसरी और चौथी कक्षा में संस्कृत विषय पर वार्षिक परीक्षाओं के दौरान मौखिक प्रश्न पूछे जाएंगे. जबकि पांचवीं कक्षा में इस विषय की लिखित परीक्षा होगी.
नौंवी से बारहवीं तक पढ़ाई जाएगी गीता -
इस दौरान छठी कक्षा में गणित विषय में दो से तीन अध्याय वैदिक गणित के भी जोड़े जाएंगे, ताकि छात्रों पर बोझ न पड़े. उन्होंने बताया कि प्रदेश में शुरू हुई टर्म प्रणाली के तहत हर टर्म में वैदिक गणित से तीन-तीन अंक का प्रश्न पूछा जाएगा. इसके अलावा भगवद् गीता को 9वीं से 12वी कक्षा तक पढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है.
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