अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के डिपार्टमेंट फिकरों नज़र में कार्यरत ईशा ज़िया नाम की एक महिला कर्मचारी ने AMU प्रशासन पर सस्पेंड करने का आरोप लगाया है. उनकी गलती बस इतनी थी कि उन्होंने अपने साथ सहकर्मियों द्वारा हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी. छेड़छाड़ को लेकर जब पीड़िता का बेटा अपने दोस्तों के साथ डिपार्टमेंट बात करने गया तो वहां दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो गई. जिसमे विभाग के कुछ लोग घायल हो गए. जिस पर विभाग के लोगों ने महिला कर्मचारी व इसके बेटे व अन्य के खिलाफ थाना सिविल लाइन्स में मामला दर्ज करा दिया गया. महिला के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद AMU प्रशासन ने उनको निलंबित कर दिया. इंसाफ न मिलता देख हार कर महिला कर्मचारी को भी पुलिस की शरण लेनी पड़ी. महिला ने भी विभाग के लोगों के खिलाफ थाना सिविल लाइन्स में छेड़छाड़ का मामला दर्ज करा दिया. पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से मामला दर्ज कर लिया है व पूरे मामले की जांच कर रही है.
AMU के फिकरों नजर उर्दू विभाग में ईशा जिया नामक महिला जूनियर असिस्टेंट के पद पर कार्यरत है. ईशा जिया के पति की मृत्यु हो चुकी है. ईशा जिया का आरोप है की विभाग में ट्रांसफर होने के कुछ दिन बाद से ही विभाग के ही सहायक एडिटर अबू बकर, क्लर्क शाकिर अली और शाकिर अली का पुत्र ताबिश जो विभाग में कार्यरत भी नहीं है आए दिन किसी ना किसी बात पर गंदे गंदे कमेंट करने लगे. वह बात बात पर बदतमीजी व बदसलूकी करते. ईशा को देखकर वह कहते कि विभाग में हरी सब्जी आ गई है अब सबका मन लगेगा. आओ तुम्हारी मसाज कर दें. महिला ईशा जिया ने विभाग के ही लोगों पर जबरदस्ती करने और अश्लील हरकतें करने के आरोप लगाए हैं.
महिला ने लगाया है ये आरोप
महिला का आरोप है कि इस बात की शिकायत जब विभाग के प्रोफेसर हाशिम से की तो उन्होंने दूसरे कर्मचारी का पक्ष लेते हुए कहा कि तुम महिला हो और तुम्हें सब बर्दाश्त करना पड़ेगा. उसने उस पूरी मामले की शिकायत यूनिवर्सिटी प्रशासन से की तो वहां से भी कोई हल उसको नहीं मिला. जिसके बाद महिला का जो बेटा है वह विभाग में अपने दोस्तों के साथ बातचीत करने 10 अगस्त को गया था. वहां बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ही पक्षों के बीच मारपीट हो गई. जिसके बाद फिकरो नजर विभाग के लोगों ने ईशा जिया उनके बेटे व दोस्तों के ऊपर थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज करा दिया. उधर एएमयू प्रशासन ने बजाय महिला के शिकायतों का निस्तारण करने के महिला कर्मचारी ईशा जिया को ही निलंबित कर दिया. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय प्रशासन से मिली बेरुखी के बाद महिला ने कानून की शरण ली. महिला ने विभाग के प्रोफेसर हासिम, एसोसिएट एडिटर अबू बकर सहित अन्य लोगों के खिलाफ थाना सिविल लाइन में छेड़छाड़ आपत्तिजनक टिप्पणी इत्यादि करने को लेकर मामला दर्ज करा दिया. पुलिस ने महिला की शिकायत पर भी थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज कर लिया है.
पूरे मामले पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली का ने बताया कि 10 अगस्त को एक खबर आई कि 11 बजे के आसपास कुछ बाहर के लोग आए और उन्होंने फिकरो नजर विभाग के असिस्टेंट एडिटर अबू बकर और अन्य लोगों के साथ मारपीट की है. इस रिपोर्ट के बेसिस पर यूनिवर्सिटी ने महिला ईशा जिया को निलंबित किया है. महिला के आरोपों पर प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम ने कहा कि यह उसकी शिकायत जो है उस पर जांच हो रही है. महिला की तरफ से भी एक शिकायत दर्ज कराई गई है उसमें लिखा है कि उनके साथ ऐसी चीजें की जा रही थी. उनको उन्होंने FIR में मेंशन किया है. उसी मुद्दे पर उनकी FIR थाना सिविल लाइन्स मे 15 अगस्त को दर्ज हुई है. अब वह पूरा का पूरा मामला जांच का विषय है. महिला को भी निलंबित किया गया है दो-तीन दिन बाद, पूरा मामला रजिस्ट्रार साहब के पास गया है. और निश्चित ही उसमें कार्यवाही की जाएगी. यहां किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता. जो सही चीज होती है वही कार्यवाही की जाती है.
अपने ऊपर लगे छेड़छाड़ के आरोपों पर सफाई देते हुए सहायक एडिटर अबू बकर ने बताया कि हमारे यहां से उनका ट्रांसफर हुआ. हमारे यहां से ट्रांसफर होने के बाद जो उनकी बौखलाहट थी उस बौखलाहट में उन्होंने 15-20 गुंडे भेज कर मुझे इस तरह पिटवाया जिसमें मेरे काफी चोटें आई हैं. जिसमें हमने उनके खिलाफ और उनके बेटे के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज कराया. विभाग में उनका आचरण बहुत खराब था. इसके बाद उनका ट्रांसफर किया गया था. उनका ट्रांसफर कई विभागों से कई बार हो चुका है. हर जगह उनका आचरण ठीक नहीं रहा है. उन्होंने जो आरोप लगाए हैं वह गलत है. यहां से पहले वह जहां भी रही मुझे जो मालूम है कि हर जगह उन्होंने इसी तरह के आरोप और लोगों पर लगाए हैं. कोई भी टीचर उनके आरोपों से बचा नहीं है. रजिस्टार ऑफिस की फाइल में सारा मामला है. वह विभाग में काम नहीं करना चाहती थी. मुझ पर जो भी आरोप लगे हैं वह कहने के लिए आजाद हैं. लेकिन मैं पहले नंबर पर नहीं हूं मुझसे पहले भी कई लोगों पर उन्होंने आरोप लगाए हैं. अपनी गलतियों को छुपाने के लिए उन्होंने इस तरह की शिकायत की है. उन्होंने हमारे खिलाफ जो मुकदमा कायम किया है वह इसलिए कराया क्योंकि हमने उन पर पहले मुकदमा कायम कराया. उनके बेटे इत्यादि लोगों ने हमारे साथ मारपीट की थी.
पुलिस ने AMU से भी रिपोर्ट मांगी
पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल समानिया ने बताया कि इस संबंध में दो एफआईआर दर्ज की गई है. AMU में फिकरो नजर उर्दू डिपार्टमेंट है. वहां पर डॉक्टर अबू बकर ने एक मुकदमा क्राइम नंबर 337 दर्ज कराया है उसमें उन्होंने ईशा जिया उनके बेटे और उसके दोस्त नामजद किए गए हैं. धारा 504, 506 के तहत मामला दर्ज किया गया. दूसरा मामला महिला ईशा जिया की तरफ से छेड़छाड़ का दर्ज किया है जो फिकरो नजर उर्दू विभाग में जूनियर असिस्टेंट के पद पर हैं. मामला दर्ज कर लिया है. विवेचना की जा रही है. और उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी. AMU से भी रिपोर्ट मांगी है.