J&K News: घाटी में बवाल के बाद पैगंबर की तस्वीर वाली सातवीं कक्षा की किताब ली गई वापस, जानिए पर्सनल लॉ बोर्ड ने क्या कहा
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने बयान मे सरकार से मांग की है कि मोहम्मद पैगंबर और हजरत जिब्राइल पर कार्टून पब्लिश करने वाली किताब पर बैन लगाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे.
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने आईसीएसई बोर्ड की सातवीं क्लास की किताब में मोहम्मद पैगंबर और हजरत जिब्राइल पर कार्टून दिए जाने पर सख्त आपत्ति उठाई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने बयान मे सरकार से मांग की है कि फौरन किताब पर बैन लगाया जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमाने ने बोर्ड की तरफ से बयान में कहा है कि हर मुस्लिम अपने नबीं को अपने माता-पिता और अपनी औलाद से अधिक प्यार करता है. नबी की शान मे छोटी सी निंदा भी असहनीय है और पैगंबर की काल्पनिक इमेज या कार्टून चित्रित करना अपमान की श्रेणी में आता है. इसलिए सरकार तत्काल प्रभाव से पुस्तक पर प्रतिबंध लगाए और उसकी कृतियो को जब्त कर प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे.
जम्मू कश्मीर में पाठ्यपुस्तक को लेकर आक्रोश
वहीं जम्मू और कश्मीर में अधिकारियों ने सातवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है, जिसमें कथित तौर पर इस्लामिक पैगंबर मुहम्मद की तस्वीर को दर्शाया गया है, जिससे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है. श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने पुलिस से पुस्तक के दिल्ली स्थित प्रकाशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है. हालांकि प्रकाशक ने "त्रुटि" के लिए माफी मांगी है. वहीं पैगंबर के इस तरह के चित्रण की गंभीर आलोचना हुई है, खासतौर पर सोशल मीडिया पर लोग प्रकाशक के खिलाफ जमकर गुस्सा निकाल रहे हैं और समुदाय के प्रति असंवेदनशील बता रहे हैं.
सोशल मीडिया पर किताब को फौरन वापस लेने को लेकर चलाया जा रहा अभियान
इतना ही नहीं कश्मीर के कई स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली सातवीं कक्षा की 'हिस्ट्री एंड सिविक्स' किताब के प्रकाशक जे सी प्रकाशन के खिलाफ रविवार को सोशल मीडिया पर कैंपेन भी चलाया गया.स्थानीय लोगों ने किताब को फौरन वापस लेने की मांग करते हुए और मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने के लिए प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं सोशल मीडिया अभियान को देखकर जम्मू और कश्मीर (J & K) सरकार डर गई कि कहीं इससे घाटी में सड़क पर विरोध प्रदर्शन न शुरू हो जाए. इसी डर से, श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को पत्र लिखकर जय सी प्रकाशनों के खिलाफ "संवेदनशील प्रकृति की सामग्री के प्रकाशन" के लिए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा. पुलिस को किताब के प्रकाशक और डिस्ट्रिब्यूटर के खिलाफ "कड़ी कार्रवाई" करने के लिए कहा गया है.
वहीं जम्मू-कश्मीर के स्कूल शिक्षा बोर्ड ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अपने स्कूल के सिलेबस में पाठ्यपुस्तक का “उपयोग न करें”. बोर्ड ने कहा कि, “यदि किसी स्कूल में पाठ्यपुस्तक का उपयोग किया जा रहा है, तो इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. वरना कानून के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी."
प्रकाशक ने अपनी गलती के लिए माफी भी मांग ली
वहीं प्रकाशक ने अपनी गलती के लिए माफी भी मांग ली है. अपने माफी पत्र में, जे सी प्रकाशन के निदेशक जे सी गोयल ने लिखा है, “ तस्वीर का पब्लिकेशन "इस्लाम के चित्रांकन के निषेध के बारे में ज्ञान की कमी" के कारण एक "अनजाने में गलती" थी. जय सी पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड की एक पूरी टीम के रूप में हम अपने सम्मानित भाइयों और दोस्तों को हुई असुविधा के लिए क्षमा चाहते हैं और अत्यधिक खेद व्यक्त करते हैं, हम अपने सभी भाइयों और दोस्तों से वादा करते हैं और आश्वस्त करते हैं कि भविष्य के संस्करणों में गलती दोहराई नहीं जाएगी. "
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