Kanji House News: एक तरफ जहां छत्तीसगढ़ में बीजेपी चलबो गौठान खोलबो पोल अभियान चला रही है और इस अभियान की कांग्रेस चुटकी ले रही है. पूरे प्रदेश में गौठान और कांजी हाउस में  मवेशियों की स्थिति काफी अच्छी होने का दावा कर रही है लेकिन वहीं दूसरी तरफ जगदलपुर शहर में घूम रहे आवारा मवेशियों को पकड़कर नगर निगम के द्वारा कांजी हाउस में रखा जाता है. लेकिन निगम के अंतर्गत आने वाले इस कांजी हाउस की हालत बद से बदतर हो चुकी है. आलम यह है कि पिछले 10 दिनों  में 2 गायों की मौत हो चुकी है. बताया जा रहा है कि दोनों गायों की लंपी वायरस की चपेट में आने से मौत हुई है. 


यही नहीं वर्तमान में कांजी हाउस में 60 से अधिक मवेशियों को रखा गया है जिसमें भी कई मवेशी लंपी वायरस के चपेट में हैं. रखरखाव के अभाव में मवेशियों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है और मवेशियों के पूरे शरीर में घाव हो चुके हैं. भाजपा के पार्षदों ने आरोप लगाया है कि कांजी हाउस में रखे 60 मवेशियों को दो वक्त का दाना भी नहीं दिया जा रहा है. इसके चलते गाय भूख से बीमार भी पड़ रहे हैं और सूखते जा रहे हैं. हर साल नगर निगम कांजी हाउस में इन मवेशियों के देखरेख के लिए लाखों रुपए बजट तैयार करता है. साथ ही मवेशी मालिकों से भी जुर्माना वसूलता है, लेकिन निगम के जिम्मेदारों ने मवेशियों को कांजी हाउस में देखरेख के अभाव मरने के लिए छोड़ दिया है. 


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लंपी वायरस के चपेट में आ रहे मवेशी 


दरअसल राज्य सरकार की रोका छेका अभियान के दौरान शहर में और नेशनल हाईवे में घूमने वाली आवारा मवेशियों को पकड़ कर निगम के अंतर्गत आने वाली कांजी हाउस में रखने की व्यवस्था बनाई गई है, जहां इन आवारा मवेशियों के लिए चारा और उनके देखरेख की व्यवस्था की जाती है. लेकिन जगदलपुर नगर निगम के कांजी हाउस में मवेशियों की स्थिति काफी बुरी है. निगम के नेता प्रतिपक्ष संजय पांडे ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के द्वारा इस कांजी हाउस को ठेका में दे दिया गया है और ठेकेदार से लाखों रुपए टेंडर में ली गयी है. इसके अलावा मवेशी मालिकों से जुर्माना के तौर पर हर एक मवेशी के पीछे 500 रु. लिया जा रहा है लेकिन कांजी हाउस में निगम ने गायों को मरने के लिए छोड़ दिया है. पिछले 10 दिनों में लंपी वायरस की चपेट में आकर 2 गायों की मौत हो चुकी है, बावजूद इसके नगर निगम बाकि बीमार पड़े गायों के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसके चलते यहां मौजूद 60 से अधिक मवेशियों में कई गाय लंपी वायरस की चपेट में हैं और उनके शरीर में पूरी तरह से घाव हो चुके हैं. 


यही नहीं कुछ महीने पहले ही कांजी हाउस में शेड निर्माण के लिए 7 लाख रु से अधिक  की राशि खर्च किए जाने का दावा किया गया है, लेकिन शेड निर्माण में भी भारी भ्रष्टाचार की गई है और केवल तालपतरी बिछा दिया गया है, जिसके चलते आंधी तूफान में मवेशियों को भीगना पड़ता है. कुल मिलाकर कांजी हाउस में गायों की स्थिति दयनीय हो चुकी है और कई मवेशी गंभीर रूप से बीमार हैं. 


बीजेपी पार्षद आलोक अवस्थी ने भी बताया कि कांजी हाउस में गायों के लिए पर्याप्त चारा की व्यवस्था भी नहीं की गई है. भाजपा के  पार्षद  दल ने जब इस कांजी हाउस का निरीक्षण किया तो पाया कि 60 मवेशियों के पीछे केवल पांच पैकेट दाना कांजी हाउस में रखा गया है. दो वक्त का चारा भी गायों को नहीं मिल पा रहा है, इस वजह से गाय गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं और वायरस की चपेट में आकर उनकी मौत हो रही है. पार्षद ने कहा कि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियो पर गायों की इस स्थिति के लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.


जिम्मेदारों को नहीं है मवेशियों के मौत की जानकारी


वहीं इस मामले में नगर निगम की महापौर सफिरा साहू का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कांजी हाउस में गायों की स्थिति कैसी है. कांजी हाउस को ठेका में दिया गया है. ऐसे में गायों की देखरेख की जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है हालांकि मवेशी मालिकों से जुर्माना निगम के द्वारा वसूला जाता है. महापौर का कहना है कि जल्द ही कांजी हाउस का निरीक्षण करेंगे और अगर गायों की स्थिति बूरी होगी तो जरूर ठेकेदार पर कार्यवाही की जाएगी. साथ ही  ठेकेदार का टेंडर निरस्त करते हुए कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.