नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में नववर्ष के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए. माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने एक बयान में कहा कि शनिवार की भगदड़ ‘‘तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण हुई.’’ बोर्ड ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महामारी के मद्देनजर 50 हजार की क्षमता के मुकाबले केवल 35,000 श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी गई थी.
घटना के करीब एक घंटे के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन की अनुमति दे दी गई और यात्रा बाधित नहीं हुई है. शनिवार को करीब 27,000 श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए. इस बीच, घटना की जांच के लिए गठित जांच समिति के सदस्य शनिवार शाम को भवन में घटनास्थल पर गए और घटना की जानकारी ली.
कैसे हुआ हादसा?
रात के करीब दो बजे का वक्त रहा होगा जब माता वैष्णो देवी के मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा हो चुकी था. लोग लाइन में लगे थे. भीड़ इतनी थी कि खड़े होने की जगह नहीं बची थी. लोग भीड़ से बचने के लिए पोल पर चढ़ चुके थे. तभी अचानक गेट नंबर तीन के पास लोग आगे बढ़ने के लिए धक्का मुक्की करने लगे..और इसी धक्का मुक्की में भगदड़ मची.
रात करीब सवा दो बजे लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. सुरक्षा में मौजूद वॉलिटियर सीटी बजाकर रास्ता खाली करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन इस दौरान दो दर्जन से ज्यादा लोग भीड़ की पैरों के नीचे दब गये. इसके बाद लोग घायलों को उठा उठाकर ले जाने लगे. एंबुलेंस से लोगों को अस्पताल ले जाया गया.
लोग बोले- भीड़ से निपटने के नहीं थे इंतजाम
देवी माता के मंदिर में साल के पहले दिन आशीर्वाद लेने पहुंचे बारह लोगों की मौत हो गई. जबकि पंद्रह लोग जख्मी हो गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है. प्रधानमंत्री ने हादसे के बाद उपराज्यपाल और स्थानीय अफसरों से बात की है. केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह और डीजीपी दिलबाग सिंह ने कटरा में घायलों से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली.
एबीपी न्यूज की टीम सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची. लोगों ने बातचीत में बताया कि श्राइन बोर्ड ने भीड़ से निपटने के इंतजाम नहीं किये थे जिसकी वजह से लोगों की भीड़ मंदिर के पास जमा हो गई और फिर भगदड़ की स्थिति पैदा हुई.
बदल सकता है दर्शन का तरीका
भीड़ को लेकर श्राइन बोर्ड पर सवाल उठ रहे हैं तो सरकार भी दर्शन के तरीकों को बदलने पर विचार करने की बात कह रही है. जम्मू और कटरा में मौजूद श्रद्धालु मंदिर प्रबंधन यानी श्राइन बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आये.
शुरुआती जांच में ये बात सामने आ रही है कि दर्शन के लिए एक दिन का कोटा जहां 25 हजार का है वहीं घटना के वक्त मंदिर परिसर में 50 हजार से 60 हजार लोग मौजूद थे. मंदिर हादसे में जिन लोगों की जान गई है उनकी उम्र 24 से 35 साल के बीच की है. मरने वालों में दिल्ली के विनय, गाजियाबाद की श्वेता , गोरखपुर के अरुण प्रताप शामिल हैं.
UP Elections: चुनाव से पहले अखिलेश का बड़ा एलान, सरकार बनने पर मुफ्त मिलेगी 300 यूनिट बिजली