Jammu News: कोरोना के कारण दो साल के लंबे अंतराल के बाद सोमवार को जम्मू (Jammu) में शहर के प्रसिद्ध झिरी मेले (Jhiri Fair) का शुभारंभ हुआ. बाबा जित्तो मंदिर पर लगने वाले इस 10 दिवसीय इस मेले में देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और बाबा का आशीर्वाद लिया. 7 से 16 नवंबर तक चलने वाले इस मेले का आयोजन पर्यटन निदेशालय और जिला प्रशासन के सहयोग से संयुक्त रूप से किया जा रहा है.


कार्तिक पूर्णिमा पर होता है मेले का आयोजन


बता दें कि इस मेले का आयोजन हर साल कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर किया जाता है.  झिरी गांव में बाबा जित्तो मंदिर पर लगने वाले इस भव्य मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मेले में किसी को असुविधा न हो इसके पर्याप्त इंतजाम किये गए हैं. एक शख्स ने मेले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रतिदिन कम से कम 1 लाख की भीड़ मेले में आती है. उन्होंने कहा कि चूंकि मेले में आने वाले ज्यादातर किसान होते हैं इसलिए सरकार ने किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए मेले में कई जगह विशेष स्टॉल लगाए हैं.कुमार ने मेले की विशेषताओं के बारे में कहा कि  मेले की प्रमुख विशेषता इस क्षेत्र के खेलों और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा देना है, ताकि लोगों के बीच इस आयोजन को सुलभ बनाया जा सके.


क्यों मनाया जाता है यह मेला
 मेले में इस बार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल  और देश के अन्य इलाकों से लगभर 10 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. दरअसल यह मेला बाबा जित्तो के बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है. बाबा जित्तों एक किसान थे और लगभग 500 साल पहले उन्होंने जमींदार की दमनकारी मांगों का विरोध करते हुए अपने प्राण त्याग दिये थे. किवदंती के अनुसार, उनकी बेटी ने भी अपने पिता की चिता में कूदकर अपनी जान दे दी थी.


यहां आने वाले भक्त मंदिर से चार किमी की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक तालाब में डुबकी जरूर लगाते है, इसे बाबा-दा-तालाब के नाम से भी जाना जाता है. तालाब के बारे में मान्यता है कि इसमें डुबकी लगाने से लोगों के सभी रोग दूर हो जाते हैं.


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