AG Noorani Death: मशहूर संविधान एक्सपर्ट एजी नूरानी का निधन, उमर अब्दुल्ला बोले- 'अल्लाह जन्नत में जगह दें'
Abdul Ghafoor Noorani Death: राजनीतिक टिप्पणीकार अब्दुल गफूर मजीद नूरानी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने साल 1953 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया था.
![AG Noorani Death: मशहूर संविधान एक्सपर्ट एजी नूरानी का निधन, उमर अब्दुल्ला बोले- 'अल्लाह जन्नत में जगह दें' AG Noorani Death Famous constitutional expert Abdul Ghafoor Majeed Noorani passed away in Mumbai Omar Abdullah Reaction AG Noorani Death: मशहूर संविधान एक्सपर्ट एजी नूरानी का निधन, उमर अब्दुल्ला बोले- 'अल्लाह जन्नत में जगह दें'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/30/1313626b5b8f3241f7d80b052f4ab7fa1724988080448489_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
AG Noorani Passed Away: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व वकील, विद्वान और राजनीतिक टिप्पणीकार अब्दुल गफूर मजीद नूरानी का गुरुवार (29 अगस्त) को मुंबई में उनके आवास पर 94 साल की उम्र में निधन हो गया. अब्दुल गफूर मजीद नूरानी का जन्म 16 सितम्बर 1930 को मुंबई में हुआ था. अब्दुल गफूर मजीद नूरानी ने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई से कानून की डिग्री हासिल की थी और उनका कानूनी करियर बेहद शानदार रहा. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नूरानी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने कानूनी मामलों, कश्मीर, आरएसएस और संविधान जैसे विषयों पर उनके कामों को याद किया.
उमर अब्दुल्ला ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, "एजी नूरानी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. नूरानी साहब एक विद्वान और राजनीतिक टिप्पणीकार थे. उन्होंने कानूनी मामलों और कश्मीर, आरएसएस और संविधान जैसे विषयों पर खूब लिखा. अल्लाह उन्हें जन्नत में ऊंचा स्थान प्रदान करें."
Sorry to hear about the demise of A G Noorani Sb earlier today. Noorani Sb was a man of letters, an accomplished lawyer, a scholar & a political commentator. He wrote extensively on matters of law and on subjects like Kashmir, RSS and the constitution. May Allah grant him highest…
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 29, 2024
बॉम्बे हाई कोर्ट से करियर की शुरूआत की
1930 में बॉम्बे (अब मुंबई) में जन्मे अब्दुल गफूर अब्दुल मजीद नूरानी ने साल 1953 में बॉम्बे हाई कोर्ट में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने कानून वकालत की प्रैक्टिस के अलावा अपना ज्यादातर वक्त कानूनी, सियासी और ऐतिहासिक विषयों पर लिखने में दिया. संवैधानिक मामलों की गहन जानकारी ने उन्हें भारतीय राजनीति और न्यायशास्त्र पर एक लोकप्रिय टिप्पणीकार बना दिया.
अब्दुल गफूर मजीद नूरानी ने एक लेखक के रूप में भारतीय संवैधानिक कानून, सियासत और इतिहास के अलग-अलग पहलुओं पर एक दर्जन से ज्यादा किताबें लिखीं. उनके कुछ मशहूर किताबों में "द कश्मीर क्वेश्चन (1964)", मिनिस्टर्स मिसकंडक्ट (1973), कॉन्स्टिट्यूशनल क्वेश्चन एंड सिटीजन्स राइट्स (2006), और द आरएसएस: ए मेनस टू इंडिया (2019) शामिल हैं.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)