दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फट गया. इस हादसे में दस लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए. उन्होंने कहा कि भारी बारिश के बीच शाम साढ़े पांच बजे बादल फटा. उन्होंने कहा कि गुफा के बाहर आधार शिविर में अचानक पानी आने से 25 टेंट और तीन सामुदायिक रसोईघर नष्ट हो गए ,जहां तीर्थयात्रियों को भोजन दिया जाता है. इस घटना में तीन महिलाओं और दो पुरुषों की मौत हो गई. सेना, पुलिस और आईटीबीपी के कर्मियों ने बचाव कार्य शुरू किया है.
राहत और बचाव कार्य में एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक, करीब 30-40 लोग फंसे हुए हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन रात में भी जारी रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट किया, "जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा से बात की और स्थिति का जायजा लिया. बचाव और राहत अभियान जारी है. प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है."
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "NDRF, SDRF, BDF, सेना, जेकेपी और श्राइन बोर्ड प्रशासन द्वारा बचाव अभियान जारी है. PM और HM से बात की और उन्हें जानकारी दी. उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. तीर्थयात्रियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए हैं."
एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा, "हमारी 1 टीम गुफा के पास तैनात रहती है, वो टीम तत्काल बचाव कार्य में जुट गई थी. 2 टीम पास में है जिसमें से 1 वहां पहुंच कर काम पर लग गई है,1 टीम शामिल होने वाली है.वहां मौजूद हमारे लोगों के मुताबिक 10 लोगों के मौत की खबर है. वहां पर और भी कई संस्थाओं की टीमें जैसे ITBP, आर्मी, लोकल पुलिस मौजूद है. वहां ढलान काफी ज्यादा है इसलिए पानी काफी तेजी से आता है. बहाव के चलते टेंटों को नुकसान पहुंचा है. आशा है कि बहाव और कम हो जाएगा लेकिन हम हर स्थिति के लिए तैयार हैं."