Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में रविवार को लिड्डर नदी के तट पर 'छड़ी-मुबारक', 'पूजन' और 'विसर्जन' के साथ वार्षिक अमरनाथ यात्रा का समापन हो गया. इसके संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरी ने एक बयान में कहा कि छड़ी-मुबारक की वार्षिक तीर्थयात्रा पहलगाम में अपने अंतिम अनुष्ठान 'पूजन' और 'विसर्जन' के साथ संपन्न हुई. देश के विभिन्न हिस्सों से आए संतों और तीर्थयात्रियों का समूह पूजा में शामिल हुआ. बाद में 'कढ़ी-पकौड़ी' का भंडारा आयोजन किया गया और उन्हें 'दक्षिणा' भी दी गई. सभा को संबोधित करते हुए गिरि ने इस सफल यात्रा के लिए भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), जम्मू-कश्मीर पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, आम नागरिकों और व्यवस्था करने में शामिल सभी एजेंसियों को बधाई के साथ-साथ धन्यवाद दिया.
गुरुवार को अमरनाथ में गुफा मंदिर में पहुंची थी 'छड़ी मुबारक'
'छड़ी मुबारक' गुरुवार को अमरनाथ में गुफा मंदिर में पहुंची थी. इस दौरान पवित्र गदा के संरक्षक स्वामी दीपेंद्र गिरि ने गुरुवार को मंदिर पहुंचे संतों के समूह का नेतृत्व किया. पवित्र गदा ने श्रीनगर शहर के दशनामी अखाड़ा मंदिर में अपनी सीट से 145 किमी की यात्रा की. पवित्र गदा की यात्रा के दौरान, पंपोर, बिजबेहरा, अनंतनाग, मट्टन, ऐश मुक्कम और अंत में पहलगाम में प्रार्थना की गई, जहां पवित्र गुफा में जाने से पहले जुलूस ने दो दिनों तक आराम किया. बता दें कि अमरनाथ यात्रा में इस साल भगवान शिव के 3.65 लाख भक्तों ने पवित्र गुफा तक पहुंचकर हिम शिवलिंग के दर्शन किए. 2016 के बाद भक्तों का यह सबसे अधिक आंकड़ा है. यह जानकारी उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को यात्रा के समापन पर दी.
पिछले सालों में कितने यात्री कितने यात्रियों ने किए दर्शन
अमरनाथ यात्रा में पिछले कुछ सालों से यात्रियों की संख्या बढ़ी है. साल 2016 में 2,20,490 यात्रियों ने दर्शन किए. इसके अलावा साल 2017 में 26,0003, साल 2018 में 2,85,006, साल 2019 में 3,43,587 यात्रियों ने दर्शन किया. इसके अलावा इस साल 2022 में 3.65 लाख लोगों ने भगवान शिव का दर्शन किया.
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