BJP Jammu Kashmir Meeting: जम्मू कश्मीर बीजेपी ने प्रदेश सरकार को एक बड़ी नसीहत देते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर सरकार प्रदेश से जुड़े हुए किसी भी संवेदनशील मामले में फैसला लेने से पहले केंद्र से विचार विमर्श करें. पार्टी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के लिए जल्दबाजी में लिया गया कोई भी फैसला भविष्य में घातक साबित हो सकता है.


जम्मू में पार्टी की एक बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर कोई फैसला लेने से पहले यहां के हालात और परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर एक बॉर्डर स्टेट है और पिछले 35 सालों में जम्मू कश्मीर बड़े मुश्किल दौर से गुजरा है. इन 35 सालों में जम्मू कश्मीर में तबाही के मंजर देखे. 






2014 के बाद जब से केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, उनकी मेहनत और परिश्रम के चलते जम्मू कश्मीर की हालत ठीक हुए हैं, लेकिन फिर भी बॉर्डर के उस पार से दुश्मन कोशिश कर रहा है कि वह जम्मू कश्मीर की अमन शांति और खुशहाली में खलल डाले.


'भविष्य में हो सकता है घातक'
नई सरकार को नसीहत देते हुए रविंद्र रैना ने कहा, ''जो जम्मू कश्मीर में नई चुनी हुई सरकार है, जिसने अपनी शपथ ली है, मेरा मानना है कि कुछ विषयों पर अभी जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. आपस में बैठकर चर्चा के बाद कोई भी बड़ा फैसला लेना चाहिए. जल्दबाजी और हड़बड़ाहट में जम्मू कश्मीर के संबंध में लिया गया कोई भी फैसला भविष्य में घातक हो सकता है.'' 


शपथ लेने के फौरन बाद हुआ आतंकी घटना
हाल ही में कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आपने खुद देखा कि जम्मू कश्मीर में शपथ लेने के फौरन बाद आतंकवादियों ने गांदरबल में एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दिया. जम्मू कश्मीर को फिर से लहूलुहान किया गया. 


'तो लोगों को आएगी मुश्किल'
रविंद्र रैना ने कहा , "जहां तक राज्य को वापस दर्जा देने का मसला है - यह बड़ा संवेदनशील मामला है. यहां की जो चुनी हुई सरकार है या केंद्रीय सरकार है आपस में बैठकर चर्चा करे. लोगों की सुरक्षा बहुत जरूरी है, सरकार तब चलेगी विकास तब होगा जब यहां शांति होगी. जब यहां आतंकवाद, अलगाववाद और हालत खराब होंगे तो लोगों को मुश्किल आएगी". 


स्पीकर का चुनाव होना है बाकी 
क्या जम्मू कश्मीर में डिप्टी स्पीकर का पद बीजेपी को मिलेगा इस पर रविंद्र रैना ने कहा कि अभी जम्मू कश्मीर विधानसभा में नए विधायक चुन के आए हैं. उनकी शपथ हुई है. स्पीकर का चुनाव होना बाकी है. अभी सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी प्रस्ताव मुख्य विपक्षी दल होने के नाते हमें प्राप्त नहीं हुआ है. अगर सरकार की तरफ से मुख्य विपक्षी दल होने के नाते बीजेपी को कोई प्रस्ताव सरकार की तरफ से आता है, तो पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता बैठकर इस पर चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे. 


बीजेपी का यह है टारगेट
जम्मू कश्मीर में बीजेपी द्वारा शुरू की गई सदस्यता अभियान पर रविंद्र रैना ने कहा कि देश के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में भी भारतीय जनता पार्टी ने सदस्यता अभियान शुरू की है. 2024 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी उभर कर सामने आई है. इस बार हमारा टारगेट है जम्मू कश्मीर से 20 लाख से अधिक पार्टी के कार्यकर्ता बनाने का जो जम्मू और कश्मीर दोनों रीजन से होंगे.


उन्होंने कहा कि इस बार रिकॉर्ड संख्या में पार्टी के कार्यकर्ताओं की रजिस्ट्रेशन होगी. इस बार हमने जम्मू के साथ-साथ कश्मीर के तमाम जिलों में सदस्यता अभियान का कार्यक्रम रखा है. कश्मीर घाटी में हमारा टारगेट रहेगा कि हम तीन लाख से पांच लाख अधिक कार्यकर्ता बनाएं. कश्मीर से जिस तरह का समर्थन हमें मिल रहा है वह पार्टी के लिए उत्साहवर्धक है. 


रविंद्र रैना ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथों 
रविंद्र रैना ने कहा कि जिस कश्मीरी घाटी में भारतीय जनता पार्टी का एक समय प्रवेश मुश्किल था वहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बनने के लिए लोग उत्साहित हैं. जम्मू कश्मीर विधानसभा में पांच विधायकों के नामांकन को लेकर कांग्रेस द्वारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. जो पांच नामांकित विधायक जम्मू कश्मीर विधानसभा में चुनाव जाने हैं, वह कानून के मुताबिक है.


उन्होंने कहा कि रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट पास हुआ है, जब यह संसद में विचार हो रहा था तब उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में क्यों आवास नहीं उठाई गई. आज जब कश्मीरी पंडित समाज, पीओके के रिफ्यूजी और महिलाओं की रिप्रेजेंटेशन सरकार में हो रही है तो इसकी तकलीफ कांग्रेस को हो रही है.


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