अजमेर शरीफ दरगाह का जिक्र कर बोले CM उमर अब्दुल्ला, 'प्रधानमंत्री दबाव में न आएं और...'
Omar Abdullah News: जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह पर मुसलमानों से ज्यादा गैर-मुसलमान जाते हैं.
जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि धर्म को सियासत से अलग नहीं किया जा सकता. धर्म की बुनियाद पर वोट मांगे जाते हैं. सियासत की जाती है और यह हकीकत है. यह हमें मानना होगा. लेकिन प्रधानमंत्री दबाव में न आएं और चादर (ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के लिए) भेजें यही हमारी उम्मीद होगी. सिर्फ एक ही धर्म के लोग अजमेर शरीफ नहीं जाते. जितने मुसलमान जाते हैं उससे ज्यादा गैर-मुसलमान जाते हैं.हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं. शुक्र है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है. जो भी फैसला वहां से आएगा वो सब पर लागू होगा.
पीएम मोदी हर साल भेजते हैं चादर
पीएम नरेंद्र मोदी 2 जनवरी की शाम छह बजे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को चादर सौंपेंगे. 813वें उर्स के मौके पर ये चादर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को चढ़ाई जाएगी. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी हर साल चादर भेजते हैं.
केंद्र शासित प्रदेश में ‘हाइब्रिड मॉडल’ फायदेमंद नहीं- सीएम
इससे पहले उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में शासन का ‘हाइब्रिड मॉडल’ किसी के लिए भी फायदेमंद नहीं है और जब सत्ता का एक ही केन्द्र होता है तभी तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है. शासन के ‘हाइब्रिड मॉडल’ से उनका आश्य केन्द्र शासित प्रदेश होने के नाते जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के पास शासन से जुड़ी अनेक संवैधानिक शक्तियां होने से है.
मतभेद रहे लेकिन राजभवन से टकराव नहीं हुआ- सीएम
सीएम अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में शासन के हाइब्रिड मॉडल के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ जाहिर है कि सत्ता के दोहरे केंद्र किसी के लिए फायदेमंद नहीं हैं. अगर शासन के लिए सत्ता के दोहरे केंद्र प्रभावी होते तो ये आपको अन्य जगहों पर भी दिखाई देते.’’ मुख्यमंत्री ने एक सवाल पर कहा कि, ‘‘ कुछ मुद्दों पर मतभेद रहे हैं लेकिन राजभवन के साथ कोई टकराव नहीं हुआ.’’
'हर उस जगह जाएं जहां मुद्दे सुलझ सकते हैं'
उन्होंने कहा, ‘‘जब सत्ता का एक ही केंद्र होता है तो तंत्र बेहतर ढंग से काम करता है. केंद्र शासित प्रदेशों में तो सत्ता के दोहरे केन्द्र सन्निहित होते हैं. कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं लेकिन उस पैमाने पर नहीं जितनी अटकलों थीं. ऐसी रिपोर्ट कोरी कल्पना मात्र है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार के कामकाज के संबंध में नियम उचित विचार-विमर्श के बाद तैयार किए जाएंगे और फिर उन्हें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पास भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह उनमें से नहीं हैं जो लोगों से कहें कि वे राजभवन नहीं जाए. उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो कहूंगा कि लोगों को हर उस जगह जाना चाहिए जहां उनके मुद्दे सुलझ सकते हैं फिर चाहे वह राजभवन हो या स्थानीय विधायक या अधिकारी.’’ (पीटीआई इनपुट के साथ)
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