Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) की समापन रैली में शामिल होने का न्योता मिलने के बाद भी कई पार्टियों के नेताओं के शामिल नहीं होने की आशंका से कांग्रेस असहज स्थिति में है. अब इस पर सफाई देते हुए कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने शनिवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ समाप्त होने के बाद 30 जनवरी को कश्मीर में कांग्रेस की प्रस्तावित रैली न तो गठबंधन बनाने की कवायद है और न ही 2024 के आम चुनावों के लिए एक मंच तैयार करने का जरिया है. 


कांग्रेस का झटका मानने से इनकार

कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश से पूछा गया कि क्या समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party), बहुजन समाज पार्टी (BSP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) जैसे कुछ विपक्षी नेताओं के कार्यक्रम में शामिल न होने से पार्टी को झटका लगेगा. इस पर उन्होंने कहा कि नहीं, बिल्कुल नहीं. 


'इसलिए नहीं मानता झटका'

इसके बाद रमेश ने दावा किया कि मेरा मानना है कि बसपा से कोई आ रहा है. मैं पूरी तरह आश्वस्त नहीं हूं, लेकिन मैं नहीं मानता कि आमंत्रित सदस्यों की गैरमौजूदगी झटका होगा. उनकी पहले से ही कोई व्यस्तता होगी. इसके बाद उन्होंने कहा कि जदयू) अध्यक्ष चुनाव अभियान के तहत नगालैंड में हैं. जद (एस) अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा ने राहुल गांधी को पत्र लिखा है और यात्रा के लिए पूर्ण समर्थन व्यक्त करने के साथ ही सराहना भी की है. हालांकि, उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आने में असमर्थता व्यक्त की है. इसलिए, मैं इसे एक झटके के रूप में नहीं देखता. रमेश ने कहा कि शिष्टाचार के नाते पार्टियों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था.


 'लाल चौक कार्यालय में ध्वजारोहण से होगा समापन

 उन्होंने कहा कि लाल चौक स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में ध्वजारोहण समारोह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के औपचारिक समापन को चिह्नित करेगा. इसलिए, विपक्षी दलों को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया गया है. 


रैली का कोई राजनीतिक महत्व नहीं

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या समापन रैली राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की दिशा में एक कदम है. इस पर रमेश ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकालना हमारा कर्तव्य है. हम देखेंगे कि बाद में क्या होता है, लेकिन हम इसके परिणाम या इस बात पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहें है कि कितनी सीट हम हासिल करेंगे या हमारे मतों की हिस्सेदारी बढ़ेगी या नहीं.'


कांग्रेस महासचिव ने कहा कि 30 जनवरी को एसके स्टेडियम में होने वाली रैली गठबंधन बनाने या 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मंच तैयार करने की कवायद नहीं है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पार्टी मार्च के बाद दूसरे दलों से राजनीतिक बातचीत शुरू करेगी.


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