Dal Lake: डल झील की सफाई के लिए नौ साल की जन्नत ने पीएम मोदी से मांगी मदद, कहा- आप बहुत सारे...
कश्मीर को दुनिया की जन्नत कहा जाता है, डल लेक कश्मीर की जन्नत है और मैं जन्नत डल को साफ करती हूं, ये शब्द उस नौ साल की मासूम के हैं जो पिछले चार सालों से कश्मीर की प्रसिद्ध डल झील की सफाई कर रही है.
Dal Lake Kashmir: नौ साल की जन्नत तारिक़ का परिवार भी पर्यटन उद्योग से जुड़ा है, पिता तारिक़ अहमद के परिवार के पास कई हाउस बोट भी हैं लेकिन उनके परिवार की पहचान अभी मासूम जन्नत बन गयी हैं. तारिक़ अहमद ने कहा कि जन्नत को देखकर लोग झील की सफाई के लिए आगे आने लगे हैं लेकिन इस काम में बहुत मेहनत की जरूरत है, सरकार पैसा तो दे रही है लेकिन इसका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है. तारिक़ पिछले एक दशक से झील के लिए काम करते आये हैं और उनकी देखा देखी में जन्नत ने भी पांच साल की उम्र में ही पहली बार झील से कूड़े की सफाई करने का काम शुरू किया.
कुछ पर्यटकों द्वारा चाय पीने के बाद कप पानी में फेंके जाने के संबंध में जन्नत ने कहा कि मैंने चाय स्टाल वाले से पूछा कि यह कप पानी में क्यों फेंकते हो तो उसने बोला कि मैंने लोगों को बहुत समझाया लेकिन लोग नहीं मानते. अब जन्नत खुद उसके बाद से लगातार यह काम कर रही है. उसने कहा कि आज भी झील से प्लास्टिक की बोतलें, रैपर, शराब की खाली बोतलें, कप आदि निकाल रही हूं. मासूम झील को साफ़ करने में अपने आप को अक्षम पा रही है और उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है.
उसने कहा "मोदी जी से कहना चाहती हूं कि आप मेरी मदद करो और बहुत लोगों को यहां मेरे पास भेजो ताकि हम झील को साफ़ कर सके" जन्नत की कहानी सुनने के बाद मुंबई की पर्यावरण एक्टिविस्ट सहर बामला भी कुछ दिनों पहले कश्मीर आईं और जन्नत के साथ मिलकर कई दिनों तक झील की सफाई भी की. जन्नत ने कहा "सहर कश्मीर घूमने आयी थीं और उन्होंने मेरे साथ दो दिन तक झील की सफाई की. वह मुंबई बीच साफ़ करती हैं और मैं यहां डल लेक को. सेहर ने आने वाले दिनों में मुझे मुंबई आने को भी कहा है और यहां भी उनकी फाउंडेशन झील की सफाई में मदद देगी. जन्नत को उम्मीद है कि चार साल पहले शुरू किया गया उसका सफर सपने से निकल कर हकीकत बनेगा. उसने कहा "मेरे बाबा ने लोगों की मदद के लिए हमेशा काम किया है और अभी मुझे उम्मीद है कि लोग भी मेरी मदद के लिए आयेंगे."
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