क्या जम्मू-कश्मीर में तीन साल बाद 'दरबार मूव' की हो रही वापसी? अधिकारियों को मिले ये निर्देश
Jammu Kashmir Darbar Move: जम्मू-कश्मीर में 2020 में कोरोना महामारी के कारण दरबार मूव की व्यवस्था रोकी गई थी, क्योंकि ऐसे में फाइलों को श्रीनगर से जम्मू नहीं लाया जा सकता था.
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में गर्मी के समय में श्रीनगर और सर्दियों में जम्मू में सचिवालय और अन्य कार्यालय चलाए जाने की प्रथा रही है लेकिन बीते कुछ साल से यह व्यवस्था बंद हो गई थी. हालांकि अब दोबारा 'दरबार मूव' लागू करने की हलचल तेज हो गई है. दरअसल, प्रशासनिक सचिवों और विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे 11 नवंबर से जम्मू के सिविल सेक्रेटेरियट में मौजूद रहें.
इस व्यवस्था की शुरुआत 1872 में महाराज रणबीर सिंह ने की थी. यह 2021 तक जारी थी लेकिन यह व्यवस्था यह कहकर खत्म कर दी गई थी कि जम्मू और श्रीनगर दोनों से राज्य सचिवलाय नहीं चलाया जाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 23 अक्टूबर को आदेश पारित किया गया है जिसमें कमिश्नर संजीव वर्मा ने कहा कि सिविल सचिवालय में प्रभावी रूप से कामकाज करने के लिए प्रशासनिक सचिवों और विभागों के प्रमुखों को यह आदेश दिया जाता है कि वे 11 नवंबर से जम्मू के सिविल सचिवालय में अपनी उपलब्धता सुनिश्चित करें.
प्रशासन की ओर से आया यह आदेश
इसी आदेश में यह भी कहा है कि ये अधिकारी जरूरत पड़ने पर श्रीनगर के सिविल सचिवालय में भी मौजूद रहेंगे. इसमें कहा गया है कि एस्टेट डिपार्टमेंट इन अधिकारियों को रहने के लिए आवास मुहैया कराए. हालांकि एक वरिष्ठ सरकारी पदाधिकारी ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. यह जून 2021 से चला आ रहा है ताकि जम्मू और श्रीनगर दोनों जगह एक साथ जनता के लिए प्रशासन की मौजूदगी रहे.
बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस दोनों ने दरबार मूव को दोबारा लागू करने का वादा किया था. दरबार मूव को सबसे पहले 2020 में स्थगित किया गया था. उस वक्त कोरोना महामारी का हवाला दिया गया था. 2021 में यह घोषणा की गई थी कि प्रशासन ई-ऑफिस की तरफ बढ़ रहा है इसलिए साल में दो बार सचिवालय के ट्रांसफर की व्यवस्था को खत्म किया जाता है.
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