Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) ने बुधवार को आतंकवाद के मामले में गिरफ्तार आरिफ फारूक भट्ट (Arif Farooq Bhat) को अंतरिम जमानत देने या फिर कस्टडी पैरोल देने से इनकार कर दिया. उसे सत्र अदालत ने पिता की खराब सेहत के आधार पर कस्टडी पैरोल दे दिया था. आरिफ भट्ट के पिता की मौत हो गई और वह उनसे मिल नहीं पाया था. वह अंतिम संस्कार से जुड़े कार्यक्रम में शिरकत करने अंतरिम जमानत मांग रहा था लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी.


इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, आरिफ भट्ट को आतंकी हमले की साजिश के 2021 में यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए थे. उसने पिता के स्वास्थ्य का हवाला देकर श्रीनगर में उनसे मुलाकात की इजाजत के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी. सत्र अदालत ने दो दिन के लिए उसे कस्टडी पैरोल दे दिया था. उसे कहा गया था कि दोनों दिन उसे छह-छह दिन की पैरोल दी जाएगी. सत्र अदालत ने कहा था कि एक बेटे को इस हालात में पिता से मिलने के लिए नहीं रोका जा सकता. इस कस्टडी पैरोल का सारा खर्च राज्य सरकार को उठाना था. 


बेटे के पहुंचने से पहले पिता की मौत


इस बीच, NIA ने हाई  कोर्ट को बताया कि उसकी यात्रा की व्यवस्था के लिए आवश्यक मंजूरी चाहिए होगी.  वह 12 जनवरी को ही दिल्ली से निकल सकता है. हालांकि इस बीच उसके पिता की मौत हो गई. वह पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर पाया क्योंकि वह  तब तक श्रीनगर नहीं पहुंच पाया. 


इस वजह से नहीं मिली अंतरिम जमानत


पिता के अंतिम संस्कार के लिए आरिफ भट्ट ने अंतरिम जमानत की मांग की थी. एनआईए ने इसका विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के 8-9 सुरक्षाकर्मी उसके साथ हैं. श्रीनगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत संवेदनशील है. श्रीनगर में भट्ट के घर के पास 80-100 लोग मौजूद हैं.  26 जनवरी को देखते हुए भट्ट के श्रीनगर में रहने से कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है. हालांकि उसे उसके पिता की कब्र पर ले जाया गया था.


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