Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले (Terror Attack) में एक कैप्टन और चार जवान शहीद हो गए हैं. इस घटना पर पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने केंद्र सरकार से तीखा सवाल पूछा है. उमर ने कहा कि आखिरकार केंद्र सरकार क्या कर रही है. हमें तो यहां आतंकवाद का खात्मा नजर नहीं आ रहा है. वहीं, डीजीपी के बयान पर कहा कि वह राजनीतिक बयान दे रहे हैं. राजनीति सियासतदानों को करने दें.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''शायद ही जम्मू का कोई इलाका है जो आतंकवाद से बचा है. 55 बहादुर जवानों की शहादत हुई है. आखिरकार हुकूमत कर क्या रही है. उन्हें भले मिलिटेंसी का खात्मा नजर आ रहा हो, हमें तो नजर नहीं आ रहा है. हालात को देखते हुए, और उनपर काबू करने के लिए किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी.''
सियासी बयान ना दें डीजीपी - उमर अब्दुल्ला
वहीं, डीजीपी के बयान पर कहा, ''डीजीपी ने सियासी बयान दिया. सियासत सियासतदानों को करने दें. उनका काम है आतंकवाद पर काबू पाना. डीजी से हम ये सुनना चाहते थे कि हमने इसे रोकने के लिए क्या किया. मिलिटेंसी के खिलाफ लड़ना डीजी का काम है. हम बॉर्डर की सुरक्षा नहीं कर सकते, वो आपकी जिम्मेदारी है. आतंकवाद से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा शहादत नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं ने दी है.'' वहीं जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्ति बढ़ाई जाने पर कहा, ''ये तो होना ही था. इसमें कोई नई बात नहीं है. इलेक्शन करवा कर लोगों के हाथ में हुकूमत वापस दी जाए.''
घात लगाकर जवानों पर हुई फायरिंग
डोडा में सोमवार रात आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था. इसमें एक कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हो गए. शहीदों में जम्मू कश्मीर पुलिस का जवान भी शामिल है. पिछले करीब एक महीने में 12 जवान शहीद हो चुके हैं. सेना और पुलिस को इलाके में आतंकियों के छुपे होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था. आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोली चलाई और फरार हो गए.
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