जम्मू कश्मीर के करगिल से कुछ दूरी पर मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 दर्ज की गई. भूकंप सुबह 10 बजकर 05 मिनट पर आया. वहीं लेह में इसकी तीव्रता 4.3 दर्ज की गई. अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र चीन के  जंगगुई प्रांत में जमीन में 10 किमी अंदर था. इससे पहले 9 नवंबर को भी दिल्‍ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए थे. रात 1 बजकर 57 मिनट पर आया था. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 दर्ज की गई थी. इसका केंद्र नेपाल में था. यह भूंकप चीन में भी महसूस किया गया था. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी की गहराई में था. भूकंप के कारण नेपाल में छह लोगों की मौत हो गई थी.


वैज्ञानिक लगातार जता रहे भूकंप आने की आशंका


बता दें कि वैज्ञानिक लगातार हिमालय क्षेत्र में बड़े भूकंप की आशंका जता रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमाच भूकंप के दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है. यहां पर बड़ा भूकंप आने की संभावना हमेशा बनी हुई है. उनका कहना है कि बड़े भूकंप से डरने के बजाय उसका सामना करने के लिए हमें पुख्‍ता तैयारियों पर जोर देना चाहिए.


भूकंप आने पर क्या करें, क्या न करें


आइए हम आपको बताते हैं कि भूकंप आने पर आपको किन चीजों का ख्याल रखना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि पहले भूकंप के हल्के झटके महसूस होते हैं, फिर बड़ा भूकंप कुछ देर बाद आता है. ऐसे में, हल्के झटके महसूस होते ही अपनी हलचल कम कर दें और नजदीकी सुरक्षित जगह पर चले जाएं. 



  • अगर आप घर के अंदर हैं तो जमीन पर लेट जाएं. एक मजबूत टेबल या फर्नीचर के अन्य टुकड़े के नीचे खुद को कवर कर अपना बचाव करें.

  • अगर आपके आस-पास कोई टेबल या डेस्क नहीं है तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढक लें और किसी कोने में झुककर बैठ जाएं.

  • भूकंप आने पर आप अपने सिर और चेहरे का बचाव करें. कांच, खिड़कियां, दरवाजे, दीवारें और जो कुछ भी गिर सकता है, उससे दूर रहें.

  • अगर भूकंप के समय आप बिस्तर पर हैं तो बिस्तर पर ही रहें. अपने सिर को तकिये से सुरक्षित कर लें. बिस्तर पर अगर आप किसी गिरने वाली चीज के नीचे लेटे हैं तो वहां से हट जाएं.

  • भूकंप के दौरान दरवाजे से बाहर भागने की कोशिश तभी करें जब वह आपके पास हो. ज्यादातर लोगों को चोटें तब ही लगती हैं जब वह इमारतों के अंदर से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे होते हैं.

  • भूकंप आने पर आपके घर की बिजली जा सकती है या स्प्रिंकलर सिस्टम या फायर अलार्म चालू हो सकते हैं.

  • अगर भूकंप के दौरान आप घर से बाहर हैं तो आप जहां पर हैं, वहां से मूव न करें. मुमकिन हो तो इमारतों, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट्स और यूटिलिटी तारों से दूर किसी खुली जगह पर चले जाएं.

  • भूकंप के दौरान सबसे बड़ा खतरा इमारतों से हैं, अधिकांश मौकों पर दीवारों के गिरने, कांच के उड़ने और वस्तुओं के गिरने से चोट लग जाती है.

  • अगर आप चलती गाड़ी में हैं तो सुरक्षा अनुमति मिलते ही रुकें और अपनी गाड़ी में ही बैठे रहें. इमारतों, पेड़ों, ओवरपास और तारों के पास या नीचे रुकने से अपना बचाव करें.

  • भूकंप के झटके रुकने के बाद सावधानी से आगे बढ़ें. सड़कों, पुलों या रैंप से बचाव करें जो भूकंप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.

  • अगर आप मलबे के नीचे फंस गए हों तो एक रूमाल या कपड़े के साथ अपना मुँह ढक लें. किसी पाइप या दीवार पर टैप करें, जिससे बचाव दल आपको ढूंढ सकें. अगर मौका लगे तो सीटी का इस्तेमाल करें. केवल अंतिम उपाय के रूप में चिल्लाएं, क्योंकि चिल्लाने से आप धूल इन्हेल कर सकते हैं.