Sonam Wangchuk Hunger Strike: 'थ्री इडियट्स' के रीयल सोनम वांगचुक के अनशन का आखिरी दिन, समर्थन देने पहुंचे सैकड़ों लोग
Hunger Strike of Sonam Wangchuk: सोनम वांगचुक ने कहा कि सरकार को हिमालय के पर्यावरण के लिए भविष्य उन्मुखी योजना बनानी चाहिए. लद्दाख को संविधान की छठी अनूसची में शामिल करने के वादे को पूरा करना चाहिए.
Leh: लद्दाख के लिए विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की पांच दिवसीय भूख हड़ताल के अंतिम दिन सोमवार को सैकड़ों लोग उनके समर्थन में पहुंचे. गौरतलब है कि वांगचुक के वही इंजीनियर हैं, जिनकी जिंदगी से प्रभावित 3 इडियट्स फिल्म का एक किरदार नजर आया था. वांगचुक के प्रति समर्थन जताने वालों में पीपुल्स मूवमेंट लेह अपेक्स बॉडी (Leh Apex Body of Peoples Movement for Sixth Schedule) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के नेता भी पहुंचे थे. लोगों के समर्थन पर उन्होंने सभी का शुक्रिया अदा किया.
इन मांगों को लेकर थी 5 दिन के उपवास पर
अपने पांच दिन के उपवास के खत्म होने के बाद सोनम वांगचुक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लद्दाख की समस्या की ओर ध्यान खींचने के लिए ये उनका छोटा सा प्रयास था, ताकि हमारे नेता उनकी मांगों और भावनाओं से उन्हें अवगत करा सके. उन्होंने कहा कि कुछ पार्षदों को खुश करने की तुलना में लद्दाख के ग्लेशियरों सहित हिमालय की सुरक्षा करना ज्यादा जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसका असर सिर्फ लद्दाख पर ही नहीं, बल्कि पूरे उपमहाद्वीप के लोगों पर पड़ रहा है. लिहाजा, सरकार को हिमालय के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भविष्य की योजनाएं बनानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को शामिल करने के अपने वादे को भी पूरा करना चाहिए.
सरकार ने बात नहीं सुनी तो करेंगे आमरण अनशन- वांगचुक
इसके साथ ही वांगचुक ने कहा कि 5 दिन का उनका उपवास सांकेतिक था. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर सरकारी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो वे अपनी मांगों को लेकर अगली बार 10 दिन के लिए उपवास करेंगे. अगर सरकार ने उसका भी संज्ञान नहीं लिया तो फिर 15 दिन का उपवास करेंगे. अगर इसके बाद भी सरकार नहीं जागती है तो वे अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन करेंगे. इस मौके पर पूर्व सांसद और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल कराने के लिए बनाई गई पीपुल्स मूवमेंट लेह अपेक्स बॉडी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने कहा कि लद्दाख की पहचान और संस्कृति की रक्षा करने में सरकार की विफलता के खिलाफ 31 जनवरी को एक बड़ी रैली की जाएगी.
दिल्ली में भी करेंगे प्रदर्शन
गौरतलब है कि इससे पहले 15 जनवरी को केडीए ने संयुक्त रूप से भूमि और नौकरियों की सुरक्षा सहित अपनी मांगों के समर्थन में जम्मू में विरोध-प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही केडीए फरवरी के तीसरे सप्ताह में दिल्ली में जंतर मंतर पर इसी तरह के विरोध की घोषणा की है. दरअसल, पीपुल्स मूवमेंट फॉर सिक्स्थ शेड्यूल फॉर लद्दाख और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ये सामाजिक-धार्मिक, राजनीतिक और युवा संगठनों का एक अलग समूह है. इसने संयुक्त रूप से अपनी चार सूत्रीय मांगों के लिए अभियान चला रहे हैं. इनकी मांग है कि लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत पूर्ण राज्य का दर्जा के साथ ही यहां की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
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