(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
JKCA केस में फारूक अब्दुल्ला को बड़ी राहत, HC ने लिया ये फैसला
Farooq Abdullah News: जेकेसीए मामले में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को बड़ी राहत मिली है. ईडी के आरोप पत्र को लेकर अदालत ने फैसला दिया है.
High Court On JKCA Case: जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने बुधवार (14 अगस्त) को पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ जेकेसीए मामले में ईडी के आरोप पत्र को खारिज कर दिया. ये मामला जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित अनियमितताओं को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है.
जस्टिस संजीव कुमार की ओर से पारित सिंगल बेंच के आदेश में कहा गया कि व्यक्तियों के खिलाफ कोई भी अपराध नहीं किया गया था और इसलिए ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र रद्द कर दिया गया है.
ईडी ने आरोप पत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा (जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष), मीर मंजूर गज़ानफर (जेकेसीए के एक अन्य पूर्व कोषाध्यक्ष) और कुछ अन्य को आरोपी के रूप में नामित किया था. आरोप पत्र में लिस्टेड लोगों ने इसे रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था.
मिर्जा और गजानफर का प्रतिनिधित्व करने वाले शारिक जे रेयाज़ ने यह कहते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था कि ईडी के पास मामले पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और उनके मुवक्किलों के खिलाफ दायर आरोप पत्र को रद्द कर दिया जाना चाहिए. अदालत ने दलीलें सुनने के बाद 7 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. वर्चुअल मोड के माध्यम से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी का प्रतिनिधित्व किया.
रेयाज़ ने कहा कि अदालत ने हमारी याचिका स्वीकार कर ली कि कोई अपराध नहीं किया गया था और ईडी के पास मामले पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था. मिर्जा को ईडी ने सितंबर, 2019 में गिरफ्तार किया था. उस साल नवंबर में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और उस शिकायत पर मुकदमा चल रहा है.
एजेंसी ने मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से कई बार पूछताछ की है. जांच एजेंसी ने अलग-अलग आदेशों के तहत अब्दुल्ला और अन्य की 21.55 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. ईडी का मामला उन्हीं आरोपियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर 2018 के आरोप पत्र पर आधारित है.
अब्दुल्ला, मिर्जा, गजनफर और पूर्व अकाउंटेंट बशीर अहमद मिसगर और गुलजार अहमद बेघ के खिलाफ दायर सीबीआई की चार्जशीट में 2002 और 2011 के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा दिए गए अनुदान से जेकेसीए फंड के 43.69 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया.
ईडी ने पहले कहा था कि उसकी जांच में पाया गया कि जेकेसीए को वित्तीय वर्ष 2005-2006 से 2011-2012 (दिसंबर 2011 तक) के दौरान तीन अलग-अलग बैंक खातों में बीसीसीआई से 94.06 करोड़ रुपये मिले. इसमें आरोप लगाया गया था कि जेकेसीए के नाम पर कई अन्य बैंक खाते खोले गए थे जिनमें धनराशि ट्रांसफर की गई थी.
लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले फारूक अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव के लिए किया बड़ा ऐलान, क्या कुछ कहा?