जम्मू कश्मीर में बुधवार को एक बार फिर से ताजा बर्फबारी शुरू हुई. बर्फबारी की वजह से श्रीनगर हवाई अड्डे (Kashmir Airport) पर विजिबिलिटी 500 मीटर से कम हो गई है. विजिबिलिटी कम होने की वजह से श्रीनगर हवाई अड्डे से आने-जाने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि मौसम साफ होने तक सभी उड़ानें रद्द कर दी गई है.
हालांकि, उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर ज्यादा बर्फ जमा नहीं है, कम दृश्यता की वजह से फिलहाल उड़ानें स्थगित की गई है. उन्होंने बताया कि इस वक्त एयरपोर्ट पर 500 मीटर तक विजिबिलिटी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि जैसे ही 1000 मीटर की विजिबिलिटी होगी, तो एयरपोर्ट से उड़ानों का संचालन दोबारा शुरू कर दी जाएगी.
बर्फबारी से गिरा घाटी का तापमान
दरअसल, घाटी के मैदानी इलाकों में हल्की बर्फबारी हो रही है, जबकि ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फबारी हो रही है. हालांकि, इस बीच मौसम विभाग ने दिन चढ़ने के साथ बारिश और बर्फबारी में कमी आने की संभावना जताई है.श्रीनगर में इस वक्त तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से 2.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है. वहीं, दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में न्यूनतम शून्य से 0.7 डिग्री सेल्सियस नीचे, कुपवाड़ा में शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. अमरनाथ यात्रा के लिए आधार शिविर के रूप में विख्यात पहलगाम में न्यूनतम तापमान जीरो से 2.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. हालांकि, यह पिछली रात से छह डिग्री अधिक है. गुलमर्ग जम्मू-कश्मीर का सबसे ठंडा स्थान रहा. यहां न्यूनतम तापमान शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. हालांकि, यह पहले के शून्य से 9.5 डिग्री सेल्सियस से काफी ऊपर है. इस बीच मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि गुरुवार को भी हल्की बारिश या हल्की बर्फबारी के साथ बादल छाए रहने की संभावना है.
राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा की वजह से ये रास्ते हैं बंद
घाटी में हो रही बर्फबारी और बारिश की वजह से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ स्थानों पर पत्थर खिसकने की घटना भी सामने आई है, हालांकि, लेकिन यातायात सुचारू रूप से चल रहा है.इस बीच प्रशासन ने लोगों से नाशरी और बनिहाल के बीच राजमार्ग पर उस वक्त तक नहीं जाने की हिदायत दी है, जब तक कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा यहां से गुजर नहीं जाती है. यातायात विभाग की ओर से कहा गया है कि रामबन से बनिहाल की ओर भारत जोड़ो यात्रा के मद्देनजर, काजीगुंड से बनिहाल-रामबन की ओर और नाशरी से रामबन-बनिहाल की ओर किसी भी वाहन को आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
चिल्लई कलां' की चपेट में है कश्मीर घाटी
गौरतलब है कि कश्मीर में इस वक्त सर्दी का कठिन समय चल रहा है. यहां की स्थानीय भाषा में इसे 'चिल्लई कलां' कहा जाता है. 'चिल्लई कलां' घाटी में 40 दिनों की सबसे ज्यादा सर्दी वाला मौसम होता है. इस दौरान यहां सबसे ज्यादा बर्फबारी होती है. चिल्लई कलां 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी को समाप्त होती है. इसके बाद भी यहां सर्दी का सितम जारी रहता है और इसके बाद 20 दिन का 'चिल्लई खुर्द' और 10 दिन का 'चिल्लई बच्चा' चलता है.
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