Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उपराज्यपाल की ओर से 5 विधायक मनोनीत करने के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार (21 अक्टूबर) को हाई कोर्ट की खंडपीठ सुनवाई करेगी. कांग्रेस की मांग है कि पांचों विधायकों का नामांकन चुनी हुई सरकार करे. इस संदर्भ में कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी.


सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को पहले हाई कोर्ट में जाने को कहा था. कांग्रेस प्रवक्ता रवींद्र शर्मा की याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करने पर सहमति जता दी है. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट में नामांकन के खिलाफ दलील रखेंगे. रवींद्र शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई के लिए खंडपीठ गठित है. 


संविधान विशेषज्ञ एडवोकेट अनिल खजुरिया का दावा है कि पांच विधायकों के नामांकन पर जम्मू कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट में पहले से गाइडलाइंस तय है. उन्होंने कहा कि अभी ना तो इन पांच विधायकों का नामांकन हुआ है और ना ही अभी नाम तय हुए हैं. ऐसे में उपराज्यपाल के आदेश को चुनौती देना प्रीमेच्योर कहलाएगा.


जम्मू कश्मीर बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने बताया कि पहली कैबिनेट की बैठक में राज्य के दर्जे की बहाली का प्रस्ताव होना दर्शाता है कि नेशनल कांफ्रेंस संवेदनशील नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी मानकर चल रही थी कि पहली कैबिनेट मीटिंग में नेशनल कांफ्रेंस जनता से जुड़े हुए मुद्दे उठाएगी.


सुनील सेठी ने कहा कि लोगों को बहकाने के लिए राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कैबिनेट के फैसले को नेशनल कांफ्रेंस की सियासी नौटंकी बताया. बीजेपी प्रवक्ता ने पांच विधायकों के नामांकन को कोर्ट में चुनौती देने को प्रीमेच्योर कहा है. बता दें कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में पांच विधायकों के नामांकन पर उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. 


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