Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेस के संस्थापर स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की तस्वीर पुलिस पदक से हटाने का फैसला किया है. शेख अब्दुल्ला के अलावा राज्य के प्रतीक चिन्ह के तस्वीर भी पदक से हटा दी गई है. इससे पहले दो वर्ष पूर्व शेख मोह्म्द अब्दुल्ला का नाम जम्मू कश्मीर पदक से हटाया गया था. अब शेख अबदुल्ला के स्थान पर पदक पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह रहेगा. आपको बता दें कि प्रदेश की सरकार ने 2020 में पुलिस पदक से शेरे कश्मीर का नाम हटाया था.
गृह विभाग ने जारी किया आदेश
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा प्रदान किए जाने वाले वीरता और उत्कृष्ट सेवा पदक का नाम शेरे कश्मीर वीरता पदक और शेरे कश्मीरी पुलिस सराहनीय सेवा पदक था. जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने आज एक आदेश जारी किया. गृह सचिव राज कुमार गोयल द्वारा जारी आदेश के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस पदक योजना के पैरा 4 में संशोधन करते हुए पदक के एक तरफ उभरी हुई शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की तस्वीर को बदल दिया जाएगा. भारत सरकार का राष्ट्रीय प्रतीक, और दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर राज्य के प्रतीक के साथ खुदा हुआ है, वीरता/मेधावी पदक के मामले में 'शौर्य के लिए जम्मू और कश्मीर पदक' और 'मेधावी सेवा के लिए जम्मू और कश्मीर पुलिस पदक' के रूप में अंकित किया जाएगा.
कौन थे शेख अब्दुल्ला
भारत की आजादी के बाद से जब जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय हुआ सके बाद साल 1948 से 1953 तक शेख अबदुल्ला वहां के प्रधानमंत्री रहे. वह साल 1975 से 1982 तक जम्मू-कश्मीर के सीएम भी रहे. जम्मू-कश्मीर में विभिन्न सरकारी योजनाओं, अस्पतालों, विश्वविद्यालयों, कालेजों, सड़क व पुलों का नामकरण शेख अब्दुल्ला के नाम पर ही हुआ है. उनके जीवन काल के बाद भी कई संस्थान, सड़क-पुलों का नामकरण उनके नाम पर हुआ है.
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