J&K Politics: कश्मीर में जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद के लिए निकाले ऐसे-ऐसे शब्द! 'मीर जाफर', 'वोटकटवा'...
Politics: जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस से उनका जाना वोट काटने की मोदी-शाह की योजना का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि भारत में तीन वोट कटवा हैं असदुद्दीन ओवैसी, अरविंद केजरीवाल और गुलाम नबी आज़ाद.
Jairam Ramesh on Ghulam Nabi Azad: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश शनिवार को जम्मू कश्मीर के अवंतीपुर पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी ही पार्टी के पूर्व नेता पर आरोपों की झड़ी लगा दी. उन्होंने कहा कि कभी नहीं सोचा था कि पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ‘मीर जाफर’ बनेंगे. आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें जम्मू कश्मीर में कांग्रेस का वोट काटने के लिए खड़ा किया है.
जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना महत्वपूर्ण
भारत जोड़ो यात्रा में पदयात्रा कर रहे जयराम रमेश ने कहा कि अभी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और चुनाव कराए जाएं. यह भी जरूरी है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के तहत लाया जाए, ताकि यह नौकरशाहों द्वारा नहीं, निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा शासित हो. जानकारी हो कि भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में अपने अंतिम चरण में है. इसका समापन 31 जनवरी को होने वाला है.
मोदी और शाह की योजना से आजाद ने छोड़ी पार्टी
जयराम रमेश ने डेमोक्रेटिक आज़ाद पार्टी (डीएपी) के प्रमुख और कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद को वोटों को बांटने की बीजेपी की योजना के तहत सूचीबद्ध किया. रमेश के अनुसार इस सूची में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी (आप) भी शामिल हैं. कांग्रेस से उनका जाना वोट काटने की मोदी-शाह की योजना का हिस्सा था.
उन्होंने कहा कि भारत में तीन वोट कटवा हैं. पहले भाजपा द्वारा खड़े किये गए असदुद्दीन ओवैसी दूसरे आप और तीसरे जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के वोट काटने के लिए खड़े किए गए गुलाम नबी आज़ाद. मुझे नहीं लगता कि ऐसा वास्तव में होगा.
सपने में भी नहीं सोचा था कि पार्टी छोड़ेंगे आजाद
यह पूछे जाने पर कि क्या गुलाम नबी आजाद अपनी डीएपी से कांग्रेस की संभावनाओं में सेंध लगाएंगे. जयराम रमेश ने कहा कि उनके साथ कांग्रेस छोड़कर गए अधिकतर कार्यकर्ता और नेता पार्टी में वापस लौट आए हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या आज़ाद कभी कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं, जैसे उनकी नवगठित पार्टी के सहयोगियों ने वापसी की है. रमेश ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उनकी क्या योजनाएं हैं. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह वास्तव में कांग्रेस छोड़ देंगे.
आजाद के पत्र ने उन्हें कांग्रेस की नजर में गिरा दिया
यही वह पार्टी है जिसने लगभग 50 वर्षों तक उन्हें एक पहचान दी, उन्हें मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के नेता सहित पार्टी और सरकार में हरसंभव पद दिया. मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह मीर जाफर होंगे. जानकारी हो कि मीर जाफर बंगाल के नवाब सिराज उद-दौला के तहत बंगाल सेना का कमांडर था.
उसने प्लासी की लड़ाई के दौरान सिराज उद-दौला को धोखा दिया, जिससे भारत में अंग्रेजों के शासन का मार्ग प्रशस्त हुआ. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह स्वीकार किया कि वह कभी भी आज़ाद के करीबी सहयोगी नहीं रहे. कहा कि जिस तरह से उन्होंने पार्टी छोड़ी, वह उसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते. उन्होंने (आजाद ने) विशेष रूप से पिछले 50 वर्षों में कांग्रेस से सभी लाभ प्राप्त करने के बाद जिस तरह से पत्र लिखा, उसने उन्हें (आजाद को) कांग्रेस के हर व्यक्ति की नज़र में गिरा दिया.
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