Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर प्रशासन का फैसला, समय से पहले रिटायर होंगे दो अधिकारी, जानिए क्या है मामला?
Jammu and Kashmir Latest News: जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने सेवा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दो अधिकारियों की समयपूर्व सेवानिवृत्ति का आदेश दिया है.
Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सेवा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गुरूवार को अपने दो अधिकारियों की समयपूर्व सेवानिवृत्ति का आदेश दिया. अधिकारियों ने बताया कि दोनों को जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम के अनुच्छेद 226 (2) के तहत बर्खास्त किया गया है. इस अनुच्छेद के तहत प्रशासन को 22 साल की सेवा पूरी करने या 48 वर्ष की आयु होने के बाद कभी भी अपने कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने की अनुमति होती है. उन्होंने बताया कि एक अधिकारी जेल विभाग का है जबकि दूसरा परिवहन विभाग का है.
सरकार ने ‘जम्मू एंड कश्मीर गजनवी फोर्स’ पर लगाया प्रतिबंध
केंद्र ने शुक्रवार को ‘जम्मू एंड कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ)’ पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसका गठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के आतंकवादियों को लेकर किया गया है. अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी. गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, जेकेजीएफ जम्मू कश्मीर में घुसपैठ प्रयासों, मादक पदार्थों एवं हथियारों की तस्करी, आतंकवादी हमले करने और सुरक्षाबलों को नियमित रूप से धमकियां देने मे शामिल रहा है. यह संगठन भारत के विरूद्ध आतंकवादी संगठनों से जुड़ने के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों को उकसाने के वास्ते सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल भी करता रहा है.
एक अलग अधिसूचना के अनुसार पाकिस्तान में रह रहे और बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा को आतंकवादी घोषित किया गया है. मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार जेकेजीएफ घुसपैठ की कोशिशों, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी, केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमलों और सुरक्षा बलों को धमकियां देने में शामिल रहा है. गृह मंत्रालय ने बताया कि जेकेजीएफ लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी और अन्य आतंकवादी संगठनों के आतंकवादियों को इस संगठन में शामिल करता रहा है.
अधिसूचना के मुताबिक, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनयम (यूएपीए) के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जेकेजीएफ को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है. पाकिस्तान में रह रहे और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा को आतंकवादी घोषित किया गया है. संधू को 2021 में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हमले के षडयंत्रकर्ताओं में से एक माना जाता है.
इंटरपोल ने उसके खिलाफ ‘रेड कॉर्नर नोटिस’ भी जारी किया था. गृह मंत्रालय ने कहा कि जेकेजीएफ जम्मू-कश्मीर के लोगों को भारत के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के वास्ते उकसाने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल कर रहा है. मंत्रालय ने कहा कि इस आतंकवादी समूह ने देश में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों को अंजाम दिया है.जेकेजीएफ आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गैरकानूनी घोषित किया जाने वाला 43वां समूह है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि हरविंदर सिंह संधू के पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के साथ सीधे संबंध हैं और वह बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों के अलावा हथियारों और गोला-बारूद की सीमा पार तस्करी में भी शामिल रहा है. मंत्रालय ने कहा कि वह पंजाब, महाराष्ट्र, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती और जबरन वसूली जैसी विभिन्न आपराधिक घटनाओं में शामिल रहा है.
सिंह अब सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने वाला 54वां व्यक्ति है. गौरतलब है कि पिछले महीने, केंद्र सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो प्रॉक्सी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और चार व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया था. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रॉक्सी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’(टीआरएफ) को पांच जनवरी को प्रतिबंधित समूह घोषित किया गया था.
गृह मंत्रालय ने कहा कि टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने, आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं को शामिल कर रहा था.