Baisakhi 2023: जम्मू-कश्मीर में धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ मना बैसाखी, अलग-अलग जिलों में आयोजन
Baisakhi in Jammu Kashmir: विश्वास और धार्मिक मान्यताओं से ऊपर उठकर, पूरे कश्मीर में तैनात सेना के जवानों ने भी बैसाखी मनाई. मुख्य समारोह शहर के एचएमटी क्षेत्र के एक सैन्य शिविर में आयोजित किया गया.
Sikh New Year: जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को सिख नववर्ष (Sikh New Year) की शुरुआत के मौके पर धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ बैसाखी (Baisakhi) मनाई गई. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने अलग-अलग जगहों पर गुरुद्वारों में मत्था टेका. इसके बाद उत्सव का भी जमकर आनंद उठाया. मुख्य समारोह शहर के रेनवाड़ी इलाके में स्थित गुरुद्वारा चट्टी पातशाही में आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु शामिल हुए. सिख समुदाय के सदस्यों ने घाटी के अलग-अलग जिलों में भी समारोह का आयोजन किया.
सिख नववर्ष की शुरूआत
बैसाखी का त्योहार सिख नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है. यह मुख्य रूप से उत्तर भारतीय राज्यों पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है. जानकारी हो कि यह साल 1699 में गुरु गोबिंद सिंह के अधीन योद्धाओं के खालसा पंथ के गठन का स्मरणोत्सव भी है.
सेना के जवानों ने भी मनाई बैसाखी
विश्वास और धार्मिक मान्यताओं से ऊपर उठकर, पूरे कश्मीर में तैनात सेना के जवानों ने भी बैसाखी मनाई. मुख्य समारोह शहर के बाहरी इलाके में एचएमटी क्षेत्र के एक सैन्य शिविर में आयोजित किया गया. इस अवसर पर सेना के श्रीनगर स्थित 15 कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला और पुलिस तथा सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
'देश में जाता है अच्छा संदेश'
हवलदार अजय कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि सभी धर्मों के सैन्यकर्मी एक साथ बैसाखी मनाते हैं. इससे देश को एक अच्छा संदेश भी जाता है कि हमें मिल-जुलकर त्योहार मनाना चाहिए. मिल-जुलकर रहना चाहिए और देश को खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग भी सेना के साथ त्योहार मनाते हैं. इससे हमें नहीं लगता कि हम अपने परिवारों से बहुत दूर हैं, क्योंकि सेना हमारे लिए एक परिवार ही है. एक अन्य सैन्यकर्मी हवलदार सरबजीत सिंह ने कहा कि बैसाखी उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. हम सभी भाई मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं. यह त्योहार शहर में प्रसिद्ध मुगल उद्यानों के उद्घाटन का भी प्रतीक है.
जम्मू संभाग में 'बसोआ' का आयोजन
इधर, जम्मू संभाग में बैसाखी मेला बसोआ का आयोजन किया गया. इस दौरान पारंपरिक डोगरा लोकाचार के सभी घटकों, जैसे डोगरा व्यंजनों, वेशभूषा, कला, शिल्प के साथ-साथ स्थानीय लोककथाओं के वर्णन को शामिल किया गया. जम्मू में डोगरा चौक, विवेकानंद चौक, राजिंदर बाजार, कनक मंडी, पुरानी मंडी, जैन बाजार पक्का डांगा से मुबारक मंडी हेरिटेज कॉम्प्लेक्स की ओर जाने वाले रास्ते में सैकड़ों लोग इस मौके पर पदयात्रा में शामिल हुए.
लोगों ने बरसाये फूल
इस दौरान पर्यटन विभाग के अधिकारियों, गणमान्य नागरिकों, लोक नर्तकों के साथ-साथ खूबसूरती से सजाए गए हाथियों, घोड़ों, ऊंटों और रथों सहित प्रतिभागियों का पुराने शहर के स्थानीय लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. लोगों ने उन पर फूलों की बारिश भी की.
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